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जिम्स में डॉक्टरों की हड़ताल से एक घंटे बंद रही ओपीडी

जिम्स में डॉक्टरों की हड़ताल से एक घंटे बंद रही ओपीडी

अमर सैनी

नोएडा। कोलकाता में महिला प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत के मामले में राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ मंगलवार को दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहे। इससे संस्थान की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित रहीं। रेजिडेंट डॉक्टरों ने इमरजेंसी को छोड़कर सभी विभागों में काम बंद रखा। करीब एक घंटे तक ओपीडी बंद रही। अस्पताल में इलाज कराने आए मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

जानकारी के अनुसार जिम्स में रोजाना विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रसित 1500 से अधिक मरीज इलाज के लिए ओपीडी में आते हैं। मंगलवार को सुबह से ही मरीजों का आना शुरू हो गया था, लेकिन नौ बजे के बाद संस्थान के डीएनबी रेजिडेंट और प्रशिक्षु डॉक्टरों समेत पैरामेडिकल स्टाफ हड़ताल पर चले गए। संस्थान के 40 में से 25 से अधिक डॉक्टर हड़ताल पर रहे। इस दौरान करीब एक घंटे तक अस्पताल की ओपीडी में कोई डॉक्टर या स्वास्थ्यकर्मी नहीं था, यहां तक कि डॉक्टरों ने सुबह नौ बजे वार्डों में भर्ती मरीजों की जांच भी की। इसके बाद करीब एक बजे तक डॉक्टरों की हड़ताल के दौरान मरीजों को ओपीडी में पर्चा बनवाने और इलाज करवाने में परेशानी का सामना करना पड़ा।हालांकि बाद में संस्थान के अधिकारियों के समझाने के बाद कुछ डॉक्टर और कर्मचारी काम पर लौटे और अस्पताल में पर्चा बनवाने वाले मरीजों का इलाज किया।

बिना इलाज के घर लौटे मरीज

कई मरीज ऐसे भी थे, जिन्हें पर्चा बनवाने में भी परेशानी हुई और बिना इलाज कराए ही घर लौट गए। कासना निवासी रजनी ने बताया कि उनके बेटे को बुखार है, वह इलाज के लिए आई थीं, लेकिन पर्चा नहीं बन पाया। काफी इंतजार के बाद उन्हें वापस घर जाना पड़ा। रबूपुरा निवासी कमलेश कुमार ने बताया कि उन्हें कई दिनों से सांस लेने में दिक्कत हो रही है। वह इलाज के लिए आए थे, लेकिन डॉक्टरों की हड़ताल के कारण उन्हें इलाज नहीं मिल पाया। इसके अलावा मनीष, राहुल, सुरेश, कृष्णपाल, वेदराम और मोहम्मद उस्मान समेत कई अन्य मरीज घर लौट गए।

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