Inspector Zende Review: मनोज बाजपेयी की शानदार एक्टिंग भी नहीं बचा पाई कमजोर कहानी, देखें पूरा रिव्यू
Inspector Zende Review: मनोज बाजपेयी जैसे बेहतरीन एक्टर भी खराब स्क्रीनप्ले और कमजोर डायरेक्शन की वजह से फिल्म को बचा नहीं पाए। जानें क्यों दर्शकों ने इस फिल्म को समय की बर्बादी बताया।

Inspector Zende Review: मनोज बाजपेयी जैसे बेहतरीन एक्टर भी खराब स्क्रीनप्ले और कमजोर डायरेक्शन की वजह से फिल्म को बचा नहीं पाए। जानें क्यों दर्शकों ने इस फिल्म को समय की बर्बादी बताया।
Inspector Zende Review: मनोज बाजपेयी की एक्टिंग भी नहीं बचा पाई फिल्म
नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई Inspector Zende फिल्म को लेकर दर्शकों के रिएक्शन काफी निराशाजनक रहे हैं। मनोज बाजपेयी जैसे दिग्गज अभिनेता के बावजूद फिल्म कहानी और डायरेक्शन के मामले में कमजोर साबित हुई।
Inspector Zende Review: कहानी
फिल्म की कहानी मुंबई पुलिस के इंस्पेक्टर मधुकर झेंडे पर आधारित है, जिन्होंने मशहूर सीरियल किलर चार्ल्स शोभराज को एक नहीं बल्कि दो बार पकड़ा था। यह दिखाने की कोशिश की गई है कि कैसे सीमित संसाधनों और बिना ज्यादा बजट के मुंबई पुलिस ने यह कारनामा किया। लेकिन स्क्रीनप्ले और नैरेटिव इतने कमजोर हैं कि कहानी असर छोड़ने में नाकाम रहती है।
Inspector Zende Review: फिल्म कैसी बनी?
फिल्म में पुलिस को इस तरह दिखाया गया है मानो किसी छोटे शहर के कॉमेडियंस की टोली हो। ना कहानी में दम है और ना ही ट्विस्ट एंड टर्न्स। दर्शकों का कहना है कि मोहल्ले के बच्चे जब चोर-पुलिस खेलते हैं तो भी उससे ज्यादा रोमांचक लगता है।
नेटफ्लिक्स की पिछली सीरीज Black Warrant में चार्ल्स शोभराज को बेहतर तरीके से दिखाया गया था। यहां नाम बदलकर कार्ल भोजराज कर देना दर्शकों को बेहद अटपटा लगा।
अभिनय
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मनोज बाजपेयी: बेहतरीन एक्टिंग स्किल्स के बावजूद कमजोर कहानी और बचकाने स्क्रीनप्ले ने उनका टैलेंट बर्बाद कर दिया।
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जिम सरभ: एक दमदार एक्टर होने के बावजूद फिल्म में उनका किरदार कमजोर तरीके से लिखा गया।
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गिरीजा ओक: उन्होंने अपने रोल को सेंसिबल तरीके से निभाया और स्क्रीन पर कुछ हद तक असर डाला।
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बाकी एक्टर्स ने जबरदस्ती कॉमेडी करने की कोशिश की, लेकिन असरदार नहीं रही।
डायरेक्शन और राइटिंग
फिल्म का लेखन और निर्देशन चिन्मय मांडलेकर ने किया है। लेकिन राइटिंग बेहद कमजोर है और डायरेक्शन में भी स्पष्टता नहीं दिखती। कई जगह दर्शक समझ ही नहीं पाते कि आखिर फिल्म में चल क्या रहा है।
रेटिंग
मनोज बाजपेयी की एक्टिंग के बावजूद यह फिल्म समय की बर्बादी लगती है।
⭐ रेटिंग – 1 स्टार