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होम्योपैथी की दवा होती है सौम्य : बीके साहू

-यह शरीर की प्राकृतिक रक्षा प्रणाली को भी देती है बढ़ावा

संतोष सूर्यवंशी

नई दिल्ली,10 अप्रैल (टॉप स्टोरी न्यूज नेटवर्क): एलर्जी, अस्थमा, गठिया, पाचन विकार और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं जैसी पुरानी बीमारियों के लिए समाज में होम्योपैथिक उपचार की काफी मांग है। होम्योपैथिक दवा न सिर्फ सौम्य होती है बल्कि शरीर की प्राकृतिक रक्षा प्रणाली को भी बढ़ावा देती है। यह बातें जग प्रवेश चंद्र अस्पताल के आयुष विभाग में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. बीके साहू ने विश्व होम्योपैथी दिवस पर कही।

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में, होम्योपैथी ने एक वैकल्पिक चिकित्सा के रूप में लोकप्रियता और स्वीकृति हासिल कर ली है। खासकर भारत के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में, जहाँ पचास फीसद आबादी इसकी प्रभावशीलता में विश्वास करती है। यह बच्चों और बुजुर्गों के लिए सुरक्षित है। डॉ साहू ने कहा, होलिस्टिक इलाज चाहने वाले व्यक्ति होम्योपैथी को एक मूल्यवान स्वास्थ्य सेवा विकल्प के रूप में तेजी से अपना रहे हैं। होम्योपैथिक पद्धति से व्यक्तियों के स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा दिया जा सकता है।

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