राज्यउत्तर प्रदेश

Noida Authority: नोएडा में नाले में सीवेज छोड़ रहीं 8 हाउसिंग सोसायटियों पर FIR, नोएडा अथॉरिटी की सख्त कार्रवाई

Noida Authority: नोएडा में नाले में सीवेज छोड़ रहीं 8 हाउसिंग सोसायटियों पर FIR, नोएडा अथॉरिटी की सख्त कार्रवाई

रिपोर्ट: अमर सैनी

नोएडा में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए नोएडा अथॉरिटी ने शहर की आठ नामचीन हाउसिंग सोसायटियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। इन सोसायटियों पर गंभीर आरोप हैं कि वे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की निर्धारित क्षमता के अनुरूप संचालन नहीं कर रही थीं और साफ-सफाई के नाम पर प्रदूषण फैला रही थीं। जांच में सामने आया कि ये सोसायटियां बिना किसी वैज्ञानिक उपचार के सीवेज को सीधे नालों में बहा रही थीं, जिससे पर्यावरणीय संकट उत्पन्न हो रहा था।

यह कार्रवाई नोएडा अथॉरिटी की सीईओ रितु माहेश्वरी के स्पष्ट आदेशों पर की गई, जिन्होंने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए थे। अथॉरिटी की टीम ने सघन जांच के बाद पाया कि ये सोसायटियां न केवल एसटीपी का सही ढंग से संचालन नहीं कर रहीं, बल्कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, जल संरक्षण और नालों की स्वच्छता जैसे पर्यावरणीय मानकों की भी अनदेखी कर रही थीं। इसी के आधार पर आठों सोसायटियों के खिलाफ अलग-अलग थानों में एफआईआर दर्ज कराई गई।

एफआईआर जिन सोसायटियों के खिलाफ दर्ज हुई है, वे नोएडा के प्रमुख सेक्टर्स में स्थित हैं और इनमें हजारों लोग निवास करते हैं। इनमें सेक्टर 100 स्थित लोटस बुलेवर्ड, सेक्टर 45 की एनआरआई रेजिडेंसी और प्रतीक स्टाइलोम, सेक्टर 78 की सिक्का कार्मिक ग्रीन्स और आम्रपाली सिलिकॉन सिटी, सेक्टर 120 की आरजी रेजिडेंसी, सेक्टर 75 की एम्स मैक्स गार्डेनिया तथा सेक्टर 137 की पूर्वांचल रॉयल पार्क शामिल हैं। ये सभी सोसायटियां नोएडा की उन्नत और विकसित आवासीय परियोजनाओं में गिनी जाती हैं, लेकिन अब इन पर पर्यावरण नियमों के उल्लंघन का गंभीर आरोप है।

नोएडा अथॉरिटी ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई केवल एक शुरुआत है और आने वाले दिनों में शहर की अन्य सभी हाउसिंग सोसायटियों की भी गहन जांच की जाएगी। यदि किसी अन्य सोसायटी को भी ऐसे ही नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया गया, तो उनके खिलाफ भी इसी प्रकार की सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अथॉरिटी का कहना है कि नोएडा को एक स्वच्छ, हरित और टिकाऊ शहर के रूप में विकसित करने के लिए किसी भी स्तर पर कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

यह मामला एक बार फिर यह साबित करता है कि सरकार और स्थानीय प्रशासन अब पर्यावरणीय मानकों की अनदेखी को हल्के में नहीं ले रहा है। अगर हाउसिंग सोसायटियों और डेवलपर्स ने समय रहते पर्यावरणीय दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया, तो उन्हें न केवल आर्थिक दंड भुगतना होगा, बल्कि कानूनी कार्रवाई का सामना भी करना पड़ेगा। नोएडा में की गई यह कार्रवाई देशभर के नगर निकायों और विकास प्राधिकरणों के लिए भी एक नजीर बन सकती है।

>>>>>>>
Realme GT 6 भारत में लॉन्च होने की पुष्टि। अपेक्षित स्पेक्स, फीचर्स, और भी बहुत कुछ

Related Articles

Back to top button