
अमर सैनी
नोएडा। प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लांड्रिंग मामले में नोएडा प्राधिकरण के सीईओ को पत्र लिखकर कुछ बिल्डरों की जानकारी मांगी है। पत्र में एक नामचीन बिल्डर के बारे में भी पूछा गया है। इसमें 63 कंपनियों के नाम शामिल हैं, जिनमें आवासीय समेत दूसरे प्रकार के काम करने वाली कंपनियां हैं। संभावना है कि इनमें से कई कंपनियां नोएडा-ग्रेनो से बाहर काम करती हैं।
पत्र में बताया गया कि इन कंपनियों के खिलाफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत जांच चल रही है। लिहाजा जांच के तहत इन कंपनियों के जमीन के आवंटन की जानकारी मांगी गई है। इनका आवंटन एकल माध्यम से हुआ हो या फिर कई कंपनियों के साथ ग्रुप के साथ हुआ हो, सबका ब्यौरा देना है। पत्र में यह भी कहा गया है कि इनके आवंटन के बाद इन पर कितनी धनराशि का बकाया है, जानकारी देनी है। इन पैसों को देने में इन्होंने कितनी देरी की है, यह सब भी बताना है।इसके अलावा ईडी यह भी जानना चाहती है कि जमीन आवंटन के बाद ऐसे बिल्डरों ने नियम के तहत काम किया या आवंटन के नियमों का उल्लंघन किया है। अगर कंपनी के खिलाफ प्राधिकरण ने एफआईआर दर्ज कराई है तो इसकी भी जानकारी देनी होगी। अगर प्राधिकरण ने ऐसी कंपनियों के जमीन आवंटन निरस्त किए हैं या फिर उक्त कंपनी या इसके कंसोर्टियम के खिलाफ किसी तरह का एक्शन लिया है तो इसका ब्यौरा भी ईडी को 28 जून तक उपलब्ध कराना होगा। प्रवर्तन निदेशालय के उप निदेशक ज्वलिन तेजपाल की ओर से यह जानकारी मांगी गई है।
दरअसल, बिल्डर कंपनियों पर निवेशकों का पैसा डायवर्ट करने का आरोप काफी पहले से लगता आ रहा है। संभव है कि इसी कड़ी में ईडी की ओर से इन कंपनियों की जांच चल रही है। सूची में 63 कंपनियों के नाम शामिल हैं। लेकिन नोएडा के एक नामचीन बिल्डर की 25 कंपनियों के नाम इस सूची में शामिल है। इस कंपनी को टारगेट करते हुए सीईओ से ब्यौरा मांगा गया है।