डॉ. बलजीत कौर ने प्रारंभिक बचपन की शिक्षा के लिए “आरंभ” कार्यक्रम का शुभारंभ किया
रिपोर्ट : कोमल रमोला
चंडीगढ़, 22 अगस्त:
पंजाब की सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर की अगुवाई में विभाग की विशेष मुख्य सचिव श्रीमती राजी पी. श्रीवास्तवा और निदेशक डॉ. शेना अग्रवाल द्वारा बच्चों की प्रारंभिक बचपन की शिक्षा के लिए ‘आरंभ’ कार्यक्रम की शुरुआत की गई।
कैबिनेट मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि ‘आरंभ’ कार्यक्रम बच्चों की आरंभिक शिक्षा के लिए माता-पिता और समुदायों को शामिल करके आंगनवाड़ियों में जाने वाले छोटे बच्चों का संपूर्ण विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा और साथ ही शुरुआती बचपन की शिक्षा प्रदान करके आंगनबाडीयो के स्तर को ऊंचा उठाएगा ।
मंत्री ने बताया कि परियोजना ‘आरंभ’ राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मुख्य सिद्धांतों पर आधारित है, जो केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय एन आई पी सी सी डी द्वारा शुरू किए गए आधारशिला और ‘पोषण भी, पढ़ाई भी’ जैसी राष्ट्रीय पहलों के साथ मेल खाती है।
उन्होंने बताया कि रॉकेट लर्निंग एक सामाजिक उपक्रम है जो “समान आधार का निर्माण, प्रारंभिक अवस्था” के मिशन के साथ प्राथमिक और प्रारंभिक शिक्षा पर केंद्रित है। रॉकेट लर्निंग 3 से 6 साल के बच्चों को प्रभावी शैक्षिक अनुभव देने के लिए शिक्षकों, छात्रों और माता-पिता को सशक्त बनाने के लिए नवीन रणनीतियों और तकनीक का उपयोग करता है। 3 साल से 6साल आयु वर्ग के उम्र के बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह मस्तिष्क के विकास और संज्ञानात्मक विकास पर गहरा प्रभाव डालती है।
मंत्री ने बताया कि बच्चे के मस्तिष्क का 85% विकास 6 साल की उम्र तक हो जाता है। इस संवेदनशील समय को पहचानते हुए, रॉकेट लर्निंग, पंजाब राज्य और डबलयू सी डी प्रशासन की साझेदारी और मार्गदर्शन में, ‘आरंभ’ कार्यक्रम शुरू कर रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य माता-पिता और आंगनवाड़ियों की मदद से सुखद और खेल-आधारित सीखने की गतिविधियों के माध्यम से 3-6 साल के बच्चों के संपूर्ण विकास पर ध्यान केंद्रित करना है।
उन्होंने बताया कि ‘आरंभ’ कार्यक्रम माता-पिता की व्यस्तता के बीच इच्छा,जागरूता और सही व्यवहार को बनाए रखने के लिए व्यक्तिगत और डिजिटल हस्तक्षेप वाली एक हाइब्रिड (पारंपरिक और आधुनिक का मिश्रण) पहुंच का उपयोग करेगा। यह पहल राज्य और विभाग के जिला कार्यालयों के सहयोग और साझेदारी के साथ पंजाब की सभी आंगनवाड़ियों पर ध्यान केंद्रित करेगी। माता-पिता और शिक्षकों को प्रदान की जाने वाली गतिविधियों को राज्य के पाठ्यक्रम के साथ जोड़ा जाएगा। इसे सभी माता-पिता के लिए घर से संचालित करने के लिए काफी सरल तरीके से तैयार किया गया है, जो कि संज्ञानात्मक, पूर्व-साक्षरता, गणना संबंधी पूर्व ज्ञान, सामाजिक-भावनात्मक और बच्चों के समग्र विकास को प्रोत्साहित करेगा।
मंत्री ने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और माता-पिता के बीच सरल और सुलभ तकनीक के माध्यम से सक्रिय और निरंतर भागीदारी पर ध्यान केंद्रित करके, इस कार्यक्रम का उद्देश्य आंगनवाड़ियों में विश्वास, माता-पिता के व्यवहार के साथ-साथ बच्चों के लिए शिक्षा के परिणामों को बेहतर बनाना है।
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