डॉक्टर संग हिंसा तो अस्पताल करेगा मुकदमा
-स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों संग हिंसा के खिलाफ चिकित्सा संस्थान के प्रमुख करेंगे एफआईआर
नई दिल्ली, 16 अगस्त : अस्पताल में ड्यूटी के दौरान स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों (डॉक्टर,नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ) के साथ किसी भी प्रकार की हिंसा करने वाले व्यक्ति या समूह को अब छह घंटे के भीतर आपराधिक मामले का सामना करना पड़ेगा। अगर ऐसा नहीं होता है तो चिकित्सा संस्थान के प्रमुख को जिम्मेदार माना जाएगा।
दरअसल, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत काम करने वाले स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने शुक्रवार को जारी एक पत्र के माध्यम से स्वास्थ्य कर्मियों के हित में एक पत्र जारी किया है। पत्र के मुताबिक स्वास्थ्य कर्मी संग हिंसा की स्थिति में, चिकित्सा संस्थान के प्रमुख को घटना के अधिकतम 6 घंटे के भीतर एक संस्थागत एफआईआर दर्ज करानी होगी। एफआईआर में देरी के लिए संस्थान के प्रमुख को जिम्मेदार माना जाएगा।
इस पत्र में डीजीएचएस डॉ अतुल गोयल ने माना है कि सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ हिंसा आम हो गई है। कई स्वास्थ्य कर्मियों को अपनी ड्यूटी के दौरान शारीरिक हिंसा का सामना करना पड़ता है। कई लोगों को धमकाया जाता है या मौखिक आक्रामकता का सामना करना पड़ता है। यह हिंसा अधिकतर या तो मरीज या मरीज के परिचारकों द्वारा की जाती है। ऐसे में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जिम्मेदारी चिकित्सा संस्थान की होगी। उम्मीद है कि जल्द ही राज्य सरकारें भी इस पत्र में जारी निर्देशों का पालन करेंगी।