भारत

रोबोटिक सर्जरी के क्षेत्र में आगे बढ़ा भारत, देश को मिले 400 रोबोटिक सर्जन 

-एम्स दिल्ली ने एक वर्ष में 200 रेजिडेंट डॉक्टरों संग 200 फैकल्टी डॉक्टरों को किया प्रशिक्षित

नई दिल्ली, 15 मई: रोबोटिक सर्जरी मरीज के पौरुष ग्रंथि से लेकर महिलाओं के गर्भाशय और बायल डक्ट इंजरी व लिवर तक की सर्जरी को आसान और बेहतर तरीके से संपन्न करने की अत्याधुनिक तकनीक है। इस तकनीक से मरीजों को आमतौर पर पारंपरिक सर्जरी की तुलना में ठीक होने में कम समय लगता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि रोबोटिक सर्जिकल सिस्टम छोटे और अधिक सटीक चीरे लगाता है जिसके परिणामस्वरूप कम रक्तस्राव होता है और कम पोस्टऑपरेटिव दिक्कतें होती हैं। कुछ चीरे तो इतने छोटे होते हैं कि सर्जरी के बाद टांके या स्टेपल करने तक की जरुरत नहीं होती है।

एम्स दिल्ली के सर्जरी विभाग के प्रोफेसर और सेट फैसिलिटी वेट लैब के चेयरमैन डॉ वी सीनू ने बुधवार को कहा कि रोबोटिक सर्जरी के फायदे के मद्देनजर आज अमेरिका में लगभग प्रत्येक सर्जरी रोबोटिक होती है और अगले पांच -सात साल में दुनिया की प्रत्येक सर्जरी रोबोटिक माध्यम से होगी। भविष्य के दृष्टिगत हमने भी अपने करीब 400 डॉक्टरों को रोबोटिक सर्जरी के क्षेत्र में प्रशिक्षित कर लिया है। इनमें 200 रेजिडेंट डॉक्टर और 200 प्रोफेसर स्तर के डॉक्टर शामिल हैं। इन सभी को सिमुलेशन ट्रेनिंग दी गई है जबकि 75 सर्जन को एनिमल टिश्यू और कैडेवर पर भी ट्रेनिंग प्रदान की गई है। उन्होंने कहा, भारत में रोबोटिक सर्जरी प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध नहीं होने के चलते एम्स दिल्ली ने निजी क्षेत्र के सहयोग से रोबोटिक सर्जन तैयार किए हैं।

डॉ सीनू ने कहा कि यह सर्जरी वहां की जाती है जहां सर्जन का हाथ नहीं पहुंचता है और सर्जन के इंस्ट्रूमेंट 360 डिग्री तक घूम नहीं पाते हैं। ऐसी स्थिति में रोबोट मदद करता है। रोबोटिक सर्जरी के दौरान, एक सर्जन सर्जिकल क्षेत्र की 3डी हाई-डेफिनिशन छवियों को देखते हुए सर्जरी करता है। इसका लक्ष्य प्रक्रियाओं को यथासंभव सुरक्षित और सुलभ बनाना है। यही कारण है कि दुनिया भर में सर्जरी के लिए रोबोटिक तकनीकें इस्तेमाल की जा रही हैं। डॉ सीनू के मुताबिक रोबोटिक सर्जरी कराने वाले मरीज अक्सर अपनी सर्जरी के 1 – 2 दिनों के भीतर अस्पताल छोड़ देते हैं। अधिकांश लोग 2-3 सप्ताह बाद दैनिक गतिविधियों पर लौट सकते हैं, लेकिन यह समय-सीमा प्रत्येक रोगी के व्यक्तिगत स्वास्थ्य और की गई सर्जरी के प्रकार के आधार पर भिन्न होती है।

मरीजों की सुविधा के मद्देनजर चार रोबोट की जरुरत
डॉ सीनू ने बताया कि फिलहाल एम्स में एक ही रोबोट है और वो भी यूरोलॉजी विभाग में कार्यरत है। इस रोबोट के माध्यम से प्रोस्टेट व अन्य यूरोलॉजिकल सर्जरी संपन्न की जा रही हैं। एम्स के जनरल सर्जरी, बेरिएट्रिक सर्जरी, यूरोलॉजिकल सर्जरी, प्रोस्टेट सर्जरी, किडनी सर्जरी, हिस्टेरेक्टॉमी, कोलन व रेक्टल सर्जरी, गैस्ट्रो सर्जरी और अन्य स्त्रीरोग संबंधी सर्जरी के लिए कम से कम चार रोबोट की जरुरत है। ताकि उन्हें भी रोबोटिक सर्जरी की सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।

रोबोटिक सर्जरी के फायदे
रोबोटिक सहायता वाली सर्जरी के कई फायदे हैं। रोबोटिक सर्जरी, सर्जनों को सर्जिकल उपकरणों को नियंत्रित करने और नेविगेट करने में मदद करने के लिए कंप्यूटर-सहायता प्राप्त तकनीक का उपयोग करती है। यह सर्जरी पारंपरिक सर्जरी की तुलना में कई लाभ प्रदान कर सकती है, जिसमें ठीक होने में लगने वाले समय में कमी और ऑपरेशन के बाद उत्पन्न होने वाली दिक्कतों की दर में कमी शामिल है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button