
नई दिल्ली, 22 अगस्त : ऑपरेशन सिंदूर में विजय के बाद सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी की पहली विदेश यात्रा अल्जीरिया की होगी, जो विदेशों में भारत की रणनीतिक गतिविधियों को मजबूत करने में सेना की बढ़ती भूमिका को रेखांकित करती है। यह यात्रा भारत के राष्ट्रपति और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की हाल की अल्जीयर्स यात्राओं के बाद हो रही है, जिसने गहन सहयोग की नींव रखी।
इस यात्रा का मूल रक्षा सहयोग है। भारतीय सेना प्रमुख द्वारा सेना-से-सेना संबंधों को मजबूत करने, प्रशिक्षण आदान-प्रदान का विस्तार करने और क्षमता विकास पहलों को बढ़ाने पर चर्चा किए जाने की उम्मीद है। अल्जीरिया में मुख्यतः समान उपकरणों का संचालन होने के कारण, भारत परिचालन विशेषज्ञता साझा करने, रखरखाव और प्रशिक्षण सहायता प्रदान करने और रक्षा प्रौद्योगिकियों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए अच्छी स्थिति में है। दोनों पक्षों द्वारा रक्षा औद्योगिक साझेदारी, विशेष रूप से आधुनिकीकरण, रसद और उपकरण सहायता के क्षेत्रों में, के अवसरों का पता लगाने की भी उम्मीद है।
जनरल द्विवेदी आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता के भारत के रणनीतिक दृष्टिकोण को भी साझा करेंगे और क्षेत्रीय एवं वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। इन विचार-विमर्शों से दोनों सेनाओं के बीच विश्वास, अंतर-संचालन और व्यावहारिक सहयोग के निर्माण में योगदान मिलने की उम्मीद है।
भारत, अल्जीरिया को अफ्रीका और भूमध्य सागर तक अपनी पहुंच में एक स्वाभाविक साझेदार मानता है। , क्योंकि माघरेब-साहेल-भूमध्य सागर क्षेत्र के प्रवेश द्वार के रूप में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है।
Realme GT 6 भारत में लॉन्च होने की पुष्टि। अपेक्षित स्पेक्स, फीचर्स, और भी बहुत कुछ