
नई दिल्ली, 30 जुलाई : भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच समुद्री सहयोग को मजबूत करने के लिए भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) और संयुक्त अरब अमीरात- राष्ट्रीय रक्षक कमान (यूएई -एनजीसी) ने बुधवार को नई दिल्ली में एक करार किया। इसके साथ ही आईसीजी को एक बार फिर हिंद महासागर क्षेत्र में सामूहिक समुद्री सुरक्षा के मामले में एक विश्वसनीय और सक्षम भागीदार के रूप में अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है।
देश के सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) द्वारा अनुमोदित समुद्री सुरक्षा और संरक्षा सहयोग पर आधारित समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर आईसीजी के महानिदेशक परमेश शिवमणि, एवीएसएम और यूएई के तटरक्षक समूह के कमांडर ब्रिगेडियर स्टाफ खालिद ओबैद थानी अल शम्सी ने हस्ताक्षर किए। भारत और यूएई के बीच 13वीं संयुक्त रक्षा सहयोग समिति (जेडीसीसी) की बैठक में हस्ताक्षरित करार के दौरान यूएई के रक्षा मंत्रालय के अवर सचिव महामहिम स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल इब्राहिम नासिर अल अलावी और रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह मौजूद रहे।
यह मित्र विदेशी देशों की तटरक्षक एजेंसियों के साथ भारत का 10वां करार है जिसके तहत दोनों देशों के तटरक्षकों के बीच मुख्य तटरक्षक कार्यों में पेशेवर संबंध को बढ़ाया जा सकेगा। इसमें समुद्री खोज और बचाव, अंतरराष्ट्रीय समुद्री अपराधों का मुकाबला करना शामिल है। ये प्रयास संस्थागत संबंधों को मजबूत करने और समुद्री सुरक्षा एवं संरक्षा के लिए सहयोगात्मक भागीदारी को बढ़ावा देने में मदद करेंगे। यह उपलब्धि ना सिर्फ समुद्री हितों में बढ़ते अभिसरण को दर्शाती है। बल्कि आईसीजी की समुद्री कूटनीति और परिचालन पहुंच को मजबूत बनाती है।