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Rahul Gandhi: राहुल गांधी की आदिवासी नेताओं से मुलाकात, “जल, जंगल, जमीन की लड़ाई कांग्रेस के साथ”

Rahul Gandhi: राहुल गांधी की आदिवासी नेताओं से मुलाकात, “जल, जंगल, जमीन की लड़ाई कांग्रेस के साथ”

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आज अखिल भारतीय आदिवासी कांग्रेस द्वारा आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में देशभर से आए आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। इस अवसर पर उन्होंने आदिवासियों की जमीनी समस्याओं, अधिकारों और उनके संरक्षण पर गहन संवाद किया। बैठक में छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों से आए आदिवासी नेताओं ने अपने-अपने अनुभव साझा किए और शिकायतें दर्ज कराईं।

“हम काम करते हैं, लाउडस्पीकर उनके पास है” – राहुल गांधी

एक आदिवासी प्रतिनिधि ने जब भाजपा सरकारों पर आरोप लगाया कि आदिवासियों की जमीनें जबरन छीनकर अडाणी और अंबानी जैसे पूंजीपतियों को दी जा रही हैं, तो राहुल गांधी ने समर्थन जताते हुए कहा, “हम आपके लिए काम करते हैं, लेकिन लाउडस्पीकर उनके पास है। उनके पास ऐसा प्रचार तंत्र है कि वे हर सच को झूठ और हर झूठ को सच की तरह दिखाते हैं।”

राहुल गांधी ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस पार्टी आदिवासी समुदाय के हक और अस्तित्व की रक्षा के लिए हर मंच पर आवाज उठाएगी और इसे संसद के अंदर और बाहर दोहराया जाएगा।

आदिवासियों का दर्द: “कानून है, संविधान है, लेकिन ज़मीन पर लागू नहीं”

बैठक के दौरान महाराष्ट्र से आए एक आदिवासी नेता ने नाराजगी जताते हुए कहा, “कांग्रेस हमारे साथ है, संविधान हमारे साथ है, कानून भी हमारे साथ है, लेकिन ज़मीन पर इनका अमल नहीं होता।” उन्होंने विशेष रूप से महाराष्ट्र में आदिवासी समुदाय की उपेक्षा की बात उठाई और जोर देकर कहा कि अगर समाज को सशक्त बनाना है तो SC, ST, OBC और अल्पसंख्यकों को एकजुट होकर लड़ाई लड़नी होगी।

विकास के नाम पर विस्थापन और शिक्षा की दुर्दशा

बैठक में एक गंभीर मुद्दा यह भी उठाया गया कि आदिवासी विकास के लिए आवंटित फंड या तो लैप्स हो जाता है या फिर अन्य मदों में खर्च कर दिया जाता है। नेताओं ने कहा कि आदिवासी इलाकों में 10,000 से ज्यादा स्कूल बंद कर दिए गए हैं, और अब बच्चों को जबरन सरस्वती शिशु मंदिर जैसे संस्थानों में भेजा जा रहा है, जहां उनकी संस्कृति और भाषा को नज़रअंदाज किया जाता है।

एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “शिक्षा ही एकमात्र रास्ता है जिससे आदिवासी समुदाय को गरीबी और शोषण से निकाला जा सकता है, लेकिन स्कूल बंद कर सरकार हमें अंधकार में धकेल रही है।”

कांग्रेस का वादा: “संविधान और अधिकारों की रक्षा हमारी जिम्मेदारी”

राहुल गांधी ने आदिवासी नेताओं की बातों को गंभीरता से सुनते हुए आश्वासन दिया कि कांग्रेस पार्टी उनके जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए लगातार संघर्ष करेगी। उन्होंने कहा कि यह केवल राजनीतिक लड़ाई नहीं, बल्कि भारत की आत्मा की रक्षा की लड़ाई है, जिसमें आदिवासी समाज की भूमिका ऐतिहासिक रही है।

राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस आने वाले दिनों में आदिवासी हितों से जुड़े मुद्दों को लेकर एक व्यापक जनजागरण अभियान शुरू करने की योजना बना रही है। साथ ही, पार्टी का लक्ष्य है कि शिक्षा, स्वास्थ्य, भूमि अधिकार और सांस्कृतिक संरक्षण जैसे बुनियादी विषयों को राष्ट्रीय एजेंडे में शीर्ष प्राथमिकता दी जाए।

इस बैठक ने एक बार फिर आदिवासी प्रश्न को देश की मुख्यधारा की राजनीति में केंद्र में ला खड़ा किया है – जहां बहस अब केवल अधिकारों की नहीं, बल्कि पहचान, गरिमा और भविष्य की भी है।

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