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Faridabad: फरीदाबाद में सर्व कर्मचारी संघ की राष्ट्रव्यापी हड़ताल रही सफल, नरेश शास्त्री ने दी बड़े आंदोलन की चेतावनी

Faridabad: फरीदाबाद में सर्व कर्मचारी संघ की राष्ट्रव्यापी हड़ताल रही सफल, नरेश शास्त्री ने दी बड़े आंदोलन की चेतावनी

रिपोर्ट: संदीप चौहान

केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ मंगलवार को देशभर में हुए राष्ट्रव्यापी हड़ताल का असर फरीदाबाद में भी साफ नजर आया। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और नगर पालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के अध्यक्ष नरेश शास्त्री के नेतृत्व में विभिन्न विभागों के कर्मचारियों और मजदूरों ने सड़कों पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को जल्द नहीं माना गया, तो आगामी समय में बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

हड़ताल में सरकारी, अर्ध-सरकारी, निगम, बोर्ड, कॉरपोरेशन, केंद्रीय परियोजनाओं और निजी उद्योगों में काम करने वाले कर्मियों ने भी भाग लिया। प्रदर्शनकारियों ने अपने-अपने विभागों का काम ठप रखा और सड़कों पर नारेबाजी करते हुए मार्च पास्ट किया। इस दौरान फरीदाबाद के कई स्थानों पर जन जीवन प्रभावित रहा।

नरेश शास्त्री ने हड़ताली कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा, “आज की राष्ट्रव्यापी हड़ताल पूरी तरह से सफल रही है। इसमें 10 से अधिक ट्रेड यूनियनों ने भाग लिया और सभी ने एकजुट होकर सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की है।” उन्होंने बताया कि हड़ताल की मुख्य मांगों में कच्चे कर्मचारियों को स्थायी करना, पुरानी पेंशन योजना की बहाली, ‘हिट एंड रन’ कानून की वापसी, प्राइवेट इलेक्ट्रिक बसों को रोडवेज में शामिल करने की नीति पर पुनर्विचार, नियमितीकरण और बकाया वेतन का भुगतान जैसी अहम मांगें शामिल हैं।

प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ नारे लगाए और कहा कि यदि अब भी सरकार ने इन मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो यह आंदोलन और तेज किया जाएगा। शास्त्री ने कहा, “सरकार को यह समझना होगा कि कर्मचारियों और मजदूरों की अनदेखी अब और बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि समाधान नहीं निकाला गया, तो अगली बार की लड़ाई और ज्यादा व्यापक होगी।”

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा का यह आंदोलन राज्य के विभिन्न जिलों में भी प्रभावी रहा और इससे सरकार पर दबाव बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। फरीदाबाद में प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन कर्मचारियों के तेवर यह संकेत दे गए हैं कि अगर जल्द सुनवाई नहीं हुई, तो आने वाले दिनों में प्रशासन को और भी बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

ममूटी ने कहा कि उन्हें ‘मेगास्टार’ की उपाधि पसंद नहीं है, उन्हें लगता है कि उनके जाने के बाद लोग उन्हें याद नहीं रखेंगे

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