Iran Israel War: ईरान-इज़राइल युद्ध का 12वां दिन, अमेरिका ने किया युद्धविराम का ऐलान, ईरान ने किया खारिज, तनाव और बढ़ा

Iran Israel War: ईरान-इज़राइल युद्ध का 12वां दिन, अमेरिका ने किया युद्धविराम का ऐलान, ईरान ने किया खारिज, तनाव और बढ़ा
ईरान और इज़राइल के बीच जारी भीषण युद्ध आज 12वें दिन में प्रवेश कर चुका है। इस दौरान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति की कोशिशें तेज हो गई हैं। इसी कड़ी में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बड़ा ऐलान करते हुए दोनों देशों के बीच “पूर्ण और समग्र” युद्धविराम की घोषणा की। उन्होंने दावा किया कि दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से संघर्ष विराम को स्वीकार कर लिया है, और यह एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक उपलब्धि है। हालांकि, ट्रम्प के इस बयान के कुछ ही घंटों बाद ईरान ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया। तेहरान की ओर से स्पष्ट किया गया कि किसी भी प्रकार के युद्धविराम या सैन्य कार्रवाई के अंत पर कोई औपचारिक समझौता नहीं हुआ है। ईरान ने अमेरिका पर एकतरफा घोषणा करने का आरोप लगाया और कहा कि शांति की बात केवल तब मुमकिन है जब इज़राइल पहले अपनी सैन्य आक्रामकता को पूरी तरह बंद करे।
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा, “हमें इस युद्ध को आगे बढ़ाने में कोई रुचि नहीं है। लेकिन अगर इज़राइल हमारे लोगों पर हमला करता है तो हम उसका सटीक और सख्त जवाब देने के लिए तैयार हैं। अगर इज़राइली शासन आज सुबह 4 बजे से पहले अपने हमले बंद कर देता है, तो हमारे पास जवाबी कार्रवाई जारी रखने का कोई इरादा नहीं होगा।”
ईरान की ओर से यह भी बताया गया कि युद्धविराम की घोषणा के बाद से अब तक उन्होंने इज़राइल पर कोई मिसाइल हमला नहीं किया है। एक वरिष्ठ ईरानी सुरक्षा अधिकारी ने CNN को बताया, “हमने कोई आक्रामक कदम नहीं उठाया है। लेकिन अगर इज़राइल फिर से हमला करता है तो हम भी उसी तीव्रता से पलटवार करेंगे जैसा हमने सीज़फायर के एक घंटे पहले किया था।”
इसी बीच इज़राइल ने भी आक्रामक रुख अपनाते हुए चेतावनी दी है। इज़राइली रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, “तेहरान को अगर लगता है कि हम शांत रहेंगे, तो यह उनकी भूल है। अगर ईरान कोई भी दुस्साहस करता है, तो हम ऐसा जवाब देंगे जिससे पूरी राजधानी कांप जाएगी।”
इन बयानों से साफ है कि भले ही अमेरिका की ओर से युद्धविराम की पहल की गई हो, लेकिन जमीन पर हालात अब भी विस्फोटक बने हुए हैं। दोनों देशों के बीच चल रहा यह टकराव न सिर्फ पश्चिम एशिया के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें अब इस पर टिकी हैं कि क्या कोई मध्यस्थता स्थायी समाधान ला पाएगी या फिर यह संघर्ष और भी विकराल रूप लेगा।