
नई दिल्ली, 9 मार्च : भारतीय निजी उद्योग ने लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट ‘तेजस एमके-1ए’ का पिछला धड़ रविवार को बेंगलुरु स्थित एयरक्राफ्ट डिवीजन में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को सौंप दिया। इसके साथ ही स्वदेशी लड़ाकू जहाज तेजस के निर्माण में तेजी आने की संभावना बढ़ गई है।
दरअसल, वायुसेना फाइटर जेट तेजस एमके-1ए को लेकर काफी उत्साहित है लेकिन इसकी आपूर्ति में लगातार देरी हो रही है। हालांकि, इस स्वदेशी लड़ाकू विमान की पहली उड़ान बीते साल के मार्च माह में हो चुकी है। इस अवसर पर बेंगलुरु में मौजूद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, फाइटर जेट का पिछला धड़ स्वदेश में निर्मित होने से जहां निजी उद्योग की क्षमता साबित हुई है। वहीं रक्षा क्षेत्र में सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा देने की योजना को भी कामयाबी मिली है। उन्होंने कहा, किसी भी जहाज का धड़ मुख्य बॉडी सेक्शन होता है जिसमें पायलट, यात्री और कार्गो होते हैं, जबकि पिछला धड़ टेल सेक्शन और उससे जुड़े घटकों को सहारा देता है।
रक्षा मंत्री ने एचएएल को देश के रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र का धड़ बताया, जिसमें एलएंडटी, अल्फा टोकोल, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स और वीईएम टेक्नोलॉजीज जैसी निजी कंपनियां एचएएल को सहयोग देते हुए पिछले धड़ की भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने कहा, इन भारतीय घटकों के साथ, हमारे रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में निर्मित होने वाले विमान आने वाले समय में और अधिक ऊंचाइयों को छुएंगे। उन्होंने कहा कि एचएएल अपने एकीकृत मॉडल और रणनीतियों के माध्यम से न केवल सैनिकों की ताकत बढ़ा रहा है, बल्कि निजी क्षेत्र के साथ सहयोग करके विनिर्माण और अनुसंधान एवं विकास के नए आयाम भी खोल रहा है।
83 एलसीए एमके1ए के पिछले धड़ के लिए अनुबंध
एचएएल ने 83 एलसीए एमके1ए अनुबंध के लिए प्रमुख मॉड्यूल की आपूर्ति के लिए एलएंडटी, अल्फा टोकोल इंजीनियरिंग सर्विसेज, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल), वीईएम टेक्नोलॉजीज और लक्ष्मी मिशन वर्क्स (एलएमडब्ल्यू) जैसी विभिन्न भारतीय निजी कंपनियों को ऑर्डर दिए थे। इसके अलावा एचएएल ने पहले ही 12 एलसीए एमके1ए रियर फ्यूजलेज का निर्माण कर लिया है, जो विनिर्माण लाइन में विमान पर हैं।
एचएएल वायुसेना को 2025-26 में करेगा अतिरिक्त डिलीवरी
जहाज के पिछले धड़ की आपूर्ति के साथ उसे एलसीए एमके1ए जहाज में जोड़ने का काम शुरू हो जाएगा। जिससे एचएएल 2025-26 से भारतीय वायुसेना को अतिरिक्त डिलीवरी करने में सक्षम होगा। इस अवसर पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी, एचएएल सीएमडी डॉ डीके सुनील, विंग कमांडर बरन सेन (सेवानिवृत्त), वी वेंकटराजू, अरुण टी रामचंदानी, गणेश राघवन और कृष्ण कुमार भी मौजूद रहे।