
नई दिल्ली, 5 फरवरी: वैश्वीकरण के चलते जहां अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में लगातार इजाफा हो रहा है। वहीं, विश्व में उच्च गुणवत्ता वाली दवाओं की मांग में वृद्धि हो रही है। इसके लिए दवाओं के वैश्विक गुणवत्ता मानकों को विकसित करने और उन्हें बनाए रखने की जरूरत है।
यह बातें केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने विश्व फार्माकोपिया (आईएमडब्ल्यूपी) की 15वीं अंतरराष्ट्रीय बैठक में बुधवार को नई दिल्ली में कहीं। बैठक को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा डब्ल्यूएचओ के सहयोग से आयोजित किया गया। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘विश्व की फार्मेसी’ के रूप में विख्यात भारत वैश्विक फार्मास्युटिकल मानकीकरण और विनियामक अभिसरण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इस संबंध में अन्य नियामक संस्थानों को भी आगे आने की जरूरत है ताकि वैश्विक स्तर पर उच्च गुणवत्ता वाली दवाओं तक लोगों की पहुंच सुनिश्चित की जा सके।
इस अवसर पर, केंद्रीय मंत्री ने आईपीसी न्यूज़लेटर 2024 और एक विशेष आईपीसी वीडियो फिल्म भी जारी की। बैठक में स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव, औषधि महानियंत्रक (भारत) डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी और डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि डॉ. रोडेरिको एच. ऑफ्रिन मौजूद रहे। आईएमडब्ल्यूपी फार्माकोपिया विज्ञान और नियामक सामंजस्य में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है। जो दुनिया भर में दवाओं की मुक्त आवाजाही और व्यापार के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं।