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‘आरोहा-2024’ से आयुर्वेद को वैश्विक स्तर पर मान्यता दिलाने में मिली मदद : तनूजा नेसरी

- एआईआईए के पहले अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का शनिवार को हुआ समापन

नई दिल्ली, 20 अक्तूबर : आरोहा-2024 सम्मेलन का उद्देश्य आयुर्वेद को वैश्विक स्तर पर मान्यता दिलाने और आधुनिक स्वास्थ्य प्रणालियों के साथ एकीकरण करने की दिशा में अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करना था। यह सम्मेलन विश्वभर के विशेषज्ञों को एक साथ लाकर आयुर्वेद के क्षेत्र में नए अवसरों और नवाचारों को प्रोत्साहित करेगा।

यह बातें अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की निदेशक प्रो. तनुजा नेसरी ने एआईआईए के पहले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ‘एडवांसमेंट ऑफ रिसर्च एंड ग्लोबल ऑपरट्यूनिटी फॉर होलिस्टिक आयुर्वेद (आरोहा 2024)’ के समापन समारोह में शनिवार को कहीं। उन्होंने कहा, हमें इस बात पर गर्व है कि हम आयुर्वेद के वैश्विक विस्तार का नेतृत्व कर रहे हैं।

इस तीन दिवसीय सम्मेलन में 15 वैज्ञानिक सत्र और कार्यशालाएं आयोजित की गईं, जिनमें 400 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। इन सत्रों में पारंपरिक औषधियों, गुणवत्ता नियंत्रण, रोग का निदान और आयुर्वेद के वैश्वीकरण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई। सम्मेलन में 30 अंतर्राष्ट्रीय वक्ताओं, 100 राष्ट्रीय वक्ताओं और 700 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इसके साथ ही, एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया, जिसमें प्रमुख ब्रांड और संस्थानों ने हर्बल उत्पादों का प्रदर्शन, उपचार, समाधान और शोध नवाचारों का प्रदर्शन किया। इस दौरान नतालिया सोफिया अल्दाना (कोलंबिया), डॉ. जोहान पेर्डोमो (क्यूबा), बर्लिन से प्रो. (डॉ.) जॉर्ज जोहान्स सीफर्ट और अन्य मौजूद रहे।

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