आईओआर में शांति – समृद्धि को बढ़ावा दे रही नौसेना: रक्षा मंत्री
-अस्थिर वैश्विक परिदृश्य के मद्देनजर हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहे नौसेना
नई दिल्ली, 19 सितम्बर : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीरवार को नई दिल्ली में ‘नौसेना कमांडरों के सम्मेलन’ के दूसरे संस्करण को संबोधित किया। उन्होंने हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में शांति और समृद्धि को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए भारतीय नौसेना की सराहना की। साथ ही कहा, यह क्षेत्र आर्थिक, भू-राजनीतिक, व्यापारिक और सुरक्षात्मक पहलुओं के मद्देनजर मूल्यवान और संवेदनशील है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि विश्व के व्यापार का एक बड़ा हिस्सा इस क्षेत्र से होकर गुजरता है, जो इसे मूल्यवान बनाता है। साथ ही, समुद्री डकैती, अपहरण, ड्रोन हमले, मिसाइल हमले और समुद्र में समुद्री केबल कनेक्शन बाधित होने जैसी घटनाएं इसे अत्यंत संवेदनशील बनाती हैं। हमारी नौसेना ने हिंद-प्रशांत के सभी हितधारक देशों के आर्थिक हितों की रक्षा करने और हिंद महासागर क्षेत्र में माल की सुचारू आवाजाही में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसके समुद्री डकैती विरोधी अभियानों की न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी सराहना हो रही है।
राजनाथ सिंह ने कहा, भारत को अब इस पूरे क्षेत्र में एक पसंदीदा सुरक्षा भागीदार के रूप में देखा जाता है। जब भी आवश्यकता होगी, हम इस क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारतीय नौसेना की बढ़ती ताकत को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। उन्होंने, कमांडरों से समय-समय पर आत्मनिरीक्षण जारी रखने और आज के अस्थिर वैश्विक परिदृश्य में हर स्थिति के लिए तैयार रहने का आह्वान भी किया।
राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के प्रयासों को दोहराया कि वह अपनी क्षमता विकास के लिए अत्याधुनिक जहाजों, पनडुब्बियों आदि को शामिल करके भारतीय नौसेना को और अधिक शक्तिशाली बनाने का प्रयास कर रही है, जिसका ध्यान आत्मनिर्भर होने पर है। उन्होंने कहा, वर्तमान में भारतीय शिपयार्ड में 64 जहाज और पनडुब्बियां निर्माणाधीन हैं और 24 अतिरिक्त प्लेटफार्मों के लिए ऑर्डर दिए गए हैं। इस अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी, रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने और अन्य वरिष्ठ नागरिक एवं सैन्य अधिकारी उपस्थित रहे।