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एम्स में मानक पाठ्यचर्या लागू न होने से छात्रों की शिक्षा हो रही बाधित

- नए पाठ्यचर्या लागू करने के लिए बैचलर ऑफ ऑप्टोमेट्री के छात्र 18 दिन से दे रहे धरना

नई दिल्ली, 19 सितम्बर : एम्स, दिल्ली में बैचलर ऑफ ऑप्टोमेट्री के लिए मानक पाठ्यचर्या या करिकुलम उपलब्ध न होने से छात्रों की शिक्षा बाधित हो रही है। जिसके चलते मेडिकल छात्र पिछले 18 दिनों से एम्स डीन (शैक्षिक) कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

दरअसल छात्र, बैचलर ऑफ ऑप्टोमेट्री का नया करिकुलम लागू करने की मांग कर रहे हैं ताकि उन्हें पाठ्यक्रम से लेकर मौखिक और व्यावहारिक परीक्षा तक की लिखित जानकारी उपलब्ध हो सके और वह कोर्स कैलेंडर के मुताबिक अपनी शैक्षिक तैयारियां पूरी कर सकें। फिलहाल, छात्रों को अचानक बताया जाता है कि फलां फलां तारीख से आपको परीक्षा देनी है। इस वजह से छात्रों को परीक्षा की समयबद्ध तैयारी करने का अवसर नहीं मिल पाता है।

छात्रों का आरोप है कि मानक पाठ्यचर्या या करिकुलम के बाबत केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय करीब आठ साल पहले एम्स प्रशासन को निर्देश जारी कर चुका है। मगर उन्हें आज तक लागू नहीं किया गया है। इसके साथ ही छात्रों ने आरोप लगाया कि एम्स दिल्ली में बैचलर ऑफ ऑप्टोमेट्री के फैकल्टी भी पर्याप्त संख्या में नहीं हैं। इस कोर्स की पढ़ाई दूसरे कोर्स के फैकल्टी या प्रोफेसर कराते हैं जिससे छात्रों की शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। इस संबंध में अनेक बार शिकायत करने के बावजूद झूठे आश्वासन और भेदभाव मिल रहा है जिसके चलते छात्रों में निराशा की भावना व्याप्त हो रही है।

छात्रों का कहना है कि एम्स निदेशक एम श्रीनिवास ने दो साल पहले आयोजित एक मीटिंग में हमारी मांगे मान ली थी और उन मांगों पर हस्ताक्षर भी किए थे। लेकिन अभी तक उन्हें लागू नहीं किया गया है। छात्रों ने कहा कि निदेशक ने अपना कार्य कर दिया है। अब एम्स के डीन और रजिस्ट्रार इस मामले को लटका रहे है। हमारी मांगों का समाधान करने की बजाय हमें धमकियां दी जा रही है कि अपना धरना समाप्त करो, वर्ना सुरक्षा कर्मियों द्वार आप लोगों को उठा दिया जाएगा। एम्स प्रशासन, मेडिकल छात्रों के अधिकारों और मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज कर रहा है।

क्या है पाठ्यचर्या
पाठ्यचर्या राष्ट्रीय शिक्षा नीति का व्यापक स्वरूप होती है। पाठ्यचर्या अध्ययन के प्रत्येक, पक्ष को प्रस्तुत करती है।प्रत्येक शैक्षिक संस्थान अपने छात्रों के लिए पाठ्यर्या या करिकुलम तैयार करता है। यह शैक्षिक निर्देशन का महत्वपूर्ण अंग है जो छात्र के संतुलित व्यक्तित्व मूल्यांकन में सहायक होता है।

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