Class six vocational skills: कक्षा छह से शुरू होगा व्यावसायिक कौशल प्रशिक्षण, छात्रों को मिलेगा रोजगारपरक ज्ञान

Class six vocational skills: कक्षा छह से शुरू होगा व्यावसायिक कौशल प्रशिक्षण, छात्रों को मिलेगा रोजगारपरक ज्ञान
नोएडा। समग्र शिक्षा अभियान के तहत उत्तर प्रदेश के सभी माध्यमिक विद्यालयों में नए शैक्षिक सत्र से कक्षा छह से व्यावसायिक कौशल (वोकेशनल स्किल) का प्रशिक्षण शुरू किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य बच्चों को प्रारंभिक स्तर से ही तकनीकी, नवाचार और रोजगारपरक कौशल से जोड़ना है, ताकि वे भविष्य में आत्मनिर्भर बन सकें और रोजगार के अवसरों के लिए तैयार हो सकें।
डायट प्राचार्य राज सिंह यादव ने बताया कि अभी तक कक्षा नौ से 12 तक के विद्यार्थियों को ही व्यावसायिक शिक्षा दी जा रही थी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुरूप अब यह दायरा कक्षा छह, सात और आठ तक बढ़ाया जा रहा है, ताकि छात्र-छात्राएं अपनी रुचि के अनुसार विभिन्न कौशल विकसित कर सकें।
योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए शिक्षकों को पहले प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रथम चरण में मंडल स्तर पर प्री-वोकेशनल मास्टर ट्रेनिंग आयोजित की जाएगी। इसके बाद प्रशिक्षित शिक्षक जिलों में स्थित राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में नियमित विषयों के साथ-साथ अतिरिक्त रूप से व्यावसायिक प्रशिक्षण देंगे। इसके लिए अल्पकालीन प्रशिक्षण कोर्स भी संचालित किए जाएंगे।
इन कोर्सों के माध्यम से छात्र मैकेनिक, इलेक्ट्रीशियन, मोबाइल रिपेयरिंग, फिटर, वेल्डर, आईटी, कंप्यूटर, प्लंबिंग, सर्विस सेक्टर और अन्य तकनीकी क्षेत्रों से जुड़ा व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त कर सकेंगे। इससे न केवल उनके तकनीकी कौशल में सुधार होगा, बल्कि उनमें समस्या सुलझाने की क्षमता और व्यावहारिक समझ भी विकसित होगी।
शिक्षकों को पहले प्रशिक्षण देकर योजना को जमीनी स्तर पर प्रभावी बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि कक्षा छह से शुरू होने वाला व्यावसायिक कौशल प्रशिक्षण छात्रों के लिए रोचक और लाभकारी साबित हो। विशेषज्ञों का मानना है कि प्रारंभिक स्तर से कौशल शिक्षा देने से छात्र आत्मनिर्भर बनेंगे और भविष्य में रोजगार के लिए बेहतर तैयार रहेंगे।
समग्र शिक्षा अभियान के तहत यह पहल उत्तर प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर साबित होगी। इससे न केवल बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि तकनीकी और व्यावसायिक दक्षताओं के माध्यम से उन्हें सामाजिक और आर्थिक रूप से मजबूत बनने का अवसर भी मिलेगा।





