Noida: जिले में जल्द खुलेंगे 25 नए प्रदूषण जांच केंद्र, विभाग सख्त — बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने की बड़ी तैयारी

Noida: जिले में जल्द खुलेंगे 25 नए प्रदूषण जांच केंद्र, विभाग सख्त — बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने की बड़ी तैयारी
नोएडा। गौतमबुद्ध नगर जिले में वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या को देखते हुए परिवहन विभाग ने एक अहम कदम उठाया है। अब जिले में जल्द ही 25 नए प्रदूषण जांच केंद्र खोले जाएंगे। वर्तमान समय में जिले में 136 प्रदूषण जांच केंद्र संचालित हैं, लेकिन बढ़ती वाहन संख्या और प्रदूषण के दबाव को ध्यान में रखते हुए यह संख्या अपर्याप्त मानी जा रही है। इसलिए विभाग ने अतिरिक्त केंद्र स्थापित करने की योजना शुरू कर दी है, ताकि अधिक से अधिक वाहन मालिक आसानी से प्रदूषण जांच करवा सकें और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी निभा सकें।
जिले में इस समय लगभग 11.78 लाख वाहन पंजीकृत हैं और केवल 136 सक्रिय केंद्र ही उपलब्ध हैं, जहां से वाहन मालिक पीयूसी (Pollution Under Control) प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकते हैं। केंद्रों की कमी की वजह से बड़ी संख्या में वाहन चालक प्रदूषण जांच नहीं करा पा रहे हैं। वर्तमान में करीब 70 हजार वाहन बिना पीयूसी के सड़कों पर चल रहे हैं, जो न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि वायु की गुणवत्ता को भी गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं। बिना पीयूसी के वाहन चलाने पर 10,000 रुपये तक का चालान लगाया जा सकता है, फिर भी जागरूकता की कमी और उपलब्धता की समस्या एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।
पिछले कुछ महीनों में 21 प्रदूषण जांच केंद्र बंद हो चुके हैं, क्योंकि उनके संचालकों ने लाइसेंस नवीनीकरण नहीं कराया। इसके बाद परिवहन विभाग ने इस दिशा में सुधार करते हुए नए केंद्र स्थापित करने की प्रक्रिया तेजी से शुरू की है। विभाग जल्द ही ऐसे स्थानों को चिह्नित करेगा जहां ये केंद्र खोले जा सकते हैं। इसके पश्चात इच्छुक लोगों से आवेदन मांगे जाएंगे और पात्रता के अनुसार उन्हें केन्द्र संचालित करने का लाइसेंस दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी रितेश तिवारी के अनुसार, गौतमबुद्ध नगर में प्रतिदिन कुल प्रदूषण का लगभग 30-35 प्रतिशत केवल वाहनों से उत्पन्न होता है। ऐसे में समय पर प्रदूषण जांच कराना अत्यधिक आवश्यक है, विशेषकर सर्दियों के मौसम में जब प्रदूषण स्तर तेजी से बढ़ता है। उन्होंने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए प्रत्येक वाहन मालिक की जिम्मेदारी भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी प्रशासन की।
पीयूसी बनवाने के लिए शुल्क भी निर्धारित किया गया है — दोपहिया वाहनों के लिए 65 रुपये, तीन एवं चार पहिया वाहनों के लिए 85 रुपये और डीजल वाहनों के लिए 115 रुपये। यह प्रक्रिया न केवल आवश्यक है बल्कि अपेक्षाकृत आसान और कम खर्चीली भी है।
आंकड़ों के अनुसार, 2023-24 में 2518 वाहनों पर कार्रवाई कर 1.01 करोड़ रुपये जुर्माना वसूला गया, जबकि 2024-25 में यह आंकड़ा बढ़कर 6259 वाहनों पर कार्यवाही और 2.12 करोड़ रुपये वसूली तक पहुंच गया। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 में सितंबर माह तक 3042 वाहनों पर कार्रवाई कर 1.12 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया है, जो दर्शाता है कि प्रशासन सख्ती से नियम लागू कर रहा है।
एआरटीओ प्रशासन नंद कुमार ने कहा कि जिले में प्रदूषण जांच केंद्रों की संख्या को बढ़ाने की कवायद शुरू हो गई है और जल्द ही इच्छुक आवेदकों को लाइसेंस जारी किए जाएंगे। वहीं एआरटीओ प्रवर्तन उदित नारायण पांडेय ने वाहन मालिकों से अपील की कि वे समय पर पीयूसी करवाएं और बिना वैध प्रमाणपत्र के सड़क पर वाहन न चलाएं, क्योंकि ऐसे वाहनों पर कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।
नोएडा में बढ़े प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने के लिए यह कदम एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है और उम्मीद है कि इससे न केवल पर्यावरण में सुधार होगा बल्कि लोगों में कानून पालन एवं जागरूकता भी बढ़ेगी।
Realme GT 6 भारत में लॉन्च होने की पुष्टि। अपेक्षित स्पेक्स, फीचर्स, और भी बहुत कुछ





