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India Development Model: भारत का विकास मॉडल ग्लोबल साउथ के लिए अनुकरणीय: श्रम मंत्री मांडविया

India Development Model: भारत का विकास मॉडल ग्लोबल साउथ के लिए अनुकरणीय: श्रम मंत्री मांडविया

नई दिल्ली, 05 नवम्बर: केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने दोहा, कतर में आयोजित सामाजिक विकास के दूसरे विश्व शिखर सम्मेलन में कहा कि सामाजिक प्रगति तभी संभव है जब नीति का केंद्र जनता हो और विकास एक साझा प्रयास बन जाए। उन्होंने भारत के विकास पथ को ग्लोबल साउथ के लिए एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकसित किया गया है।

मांडविया ने कहा कि पिछले दस वर्षों में भारत ने निरंतर सुधारों, कल्याणकारी कार्यक्रमों के समन्वय और डिजिटल नवाचार के माध्यम से लगभग 25 करोड़ भारतीयों को बहुआयामी गरीबी से बाहर निकाला है। 42.5 करोड़ नागरिकों को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान की गई है और 3.7 करोड़ से अधिक कम आय वाले लोगों को आवास उपलब्ध कराए गए हैं। 2017-18 और 2023-24 के बीच बेरोजगारी दर 6 प्रतिशत से घटकर 3.2 प्रतिशत हो गई है और महिलाओं की रोजगार दर लगभग दोगुनी हुई है।

केंद्रीय मंत्री ने जीवन-चक्र आधारित प्रगति का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत में बच्चों को स्वस्थ आधार और पौष्टिक मिड डे मील मिलता है, युवाओं को शिक्षा और आजीविका के अवसर प्रदान किए जाते हैं, श्रमिकों को गुणवत्तापूर्ण रोजगार मिलता है और बुजुर्गों को वृद्धावस्था में सम्मान और आय सुरक्षा की गारंटी मिलती है। वर्तमान में 1.18 करोड़ स्कूली बच्चों को मिड डे मील प्रदान किया जा रहा है और 800 मिलियन से अधिक नागरिकों को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराई जा रही है।

इसके अलावा डॉ. मांडविया ने पाकिस्तान द्वारा भारत के संबंध में की गई टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान ने सीमा पार आतंकवाद और शत्रुता के माध्यम से इस संधि की भावना को कमजोर करने का प्रयास किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत के केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के मामलों में पाकिस्तान को कोई अधिकार नहीं है, विशेषकर तब जब वह भारतीय नागरिकों के खिलाफ सीमा पार से आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त है।

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