Vishwakarma Puja 2025: सोने की लंका से पुष्पक विमान तक, भगवान विश्वकर्मा की अद्भुत रचनाएं
Vishwakarma Puja 2025 पर जानें भगवान विश्वकर्मा कौन हैं और क्यों उन्हें ब्रह्मांड का प्रथम इंजीनियर कहा जाता है। सोने की लंका, पुष्पक विमान और द्वारका जैसी अद्भुत रचनाओं की पूरी जानकारी पढ़ें।

Vishwakarma Puja 2025 पर जानें भगवान विश्वकर्मा कौन हैं और क्यों उन्हें ब्रह्मांड का प्रथम इंजीनियर कहा जाता है। सोने की लंका, पुष्पक विमान और द्वारका जैसी अद्भुत रचनाओं की पूरी जानकारी पढ़ें।
Vishwakarma Puja 2025: भगवान विश्वकर्मा कौन हैं?
हर साल 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा (Vishwakarma Puja) धूमधाम से मनाई जाती है। हिंदू धर्म में भगवान विश्वकर्मा को मशीन, औजार, भवन निर्माण और तकनीक का देवता माना गया है। उन्हें ‘ब्रह्मांड का वास्तुकार’ और संसार का प्रथम अभियंता (Engineer) भी कहा जाता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा का जन्म भाद्रपद मास की कन्या संक्रांति के दिन हुआ था। इसी दिन उनकी जयंती और पूजा का आयोजन होता है।
Vishwakarma Puja 2025: भगवान विश्वकर्मा का जन्म और मान्यताएं
हिंदू धर्मग्रंथों में अलग-अलग कथाएं मिलती हैं।
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अधिकांश ग्रंथों में उन्हें भगवान ब्रह्मा के वंशज बताया गया है।
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मान्यता है कि भगवान ब्रह्मा के मानस पुत्र धर्म से वास्तुदेव का जन्म हुआ और उनकी पत्नी अंगिरसी से भगवान विश्वकर्मा का अवतरण हुआ।
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कुछ ग्रंथों में विश्वकर्मा जी को ब्रह्मा के सातवें पुत्र भी कहा गया है।
Vishwakarma Puja 2025: ब्रह्मांड के वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा
जहां ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की, वहीं उसे सुंदर, व्यवस्थित और तकनीकी रूप देने का कार्य भगवान विश्वकर्मा ने किया। इसी कारण उन्हें ‘ब्रह्मांड का प्रथम शिल्पकार’ और ‘विश्व का प्रथम इंजीनियर’ कहा जाता है।
भगवान विश्वकर्मा की अद्भुत रचनाएं
1. स्वर्ग लोक
मान्यता है कि स्वर्ग लोक की रचना भगवान विश्वकर्मा ने की थी। उन्होंने इंद्रपुरी और कुबेरपुरी जैसी भव्य देवनगरी का निर्माण किया।
2. सोने की लंका
विश्वकर्मा ने कुबेर के लिए सोने की लंका बनाई थी, जिसे बाद में रावण ने अपने अधीन कर लिया।
3. पुष्पक विमान
रामायण और अन्य ग्रंथों में वर्णित पुष्पक विमान, जो विश्व का पहला विमान माना जाता है, भगवान विश्वकर्मा की ही अद्वितीय रचना थी।
4. द्वारका नगरी
समुद्र में स्थित भव्य जलनगरी द्वारका का निर्माण भी भगवान विश्वकर्मा ने भगवान श्रीकृष्ण के लिए किया था।
5. देवताओं के अस्त्र-शस्त्र
भगवान विश्वकर्मा की कारीगरी से ही बने—
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भगवान विष्णु का सुदर्शन चक्र
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भगवान शिव का त्रिशूल
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ब्रह्मा जी का ब्रह्मास्त्र
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यमराज का कालदंड व पाश
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इंद्र का वज्र
Vishwakarma Puja 2025 सिर्फ धार्मिक आस्था ही नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की उस तकनीकी परंपरा का भी प्रतीक है, जिसने हजारों साल पहले दुनिया को अद्भुत इंजीनियरिंग और स्थापत्य कला दी।
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