Bulldozer Action: दिल्ली के चिल्ला गांव में देर रात चला पीला पंजा, श्मशान और कब्रिस्तान हटाने पहुंचा प्रशासन

Bulldozer Action: दिल्ली के चिल्ला गांव में देर रात चला पीला पंजा, श्मशान और कब्रिस्तान हटाने पहुंचा प्रशासन
रिपोर्ट: रवि डालमिया
राजधानी दिल्ली में एक बार फिर पीले पंजे की गर्जना सुनाई दी, जब मंगलवार देर रात पूर्वी दिल्ली के चिल्ला गांव में स्थित श्मशान घाट और कब्रिस्तान को हटाने के लिए प्रशासन की टीम पहुंची। यह कार्रवाई दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश पर की गई, जिसमें नोएडा से दिल्ली को जोड़ने वाली सड़क के किनारे स्थित इन स्थलों को अतिक्रमण मानते हुए हटाने का निर्देश दिया गया था। कार्रवाई को अंजाम देने के लिए PWD की टीम, पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारी रात के अंधेरे में ही स्थल पर पहुंच गए थे, ताकि बिना किसी बाधा के कार्य को पूरा किया जा सके।
लेकिन जैसे ही स्थानीय लोगों को इसकी भनक लगी, इलाके में अफरा-तफरी मच गई। देखते ही देखते दोनों समुदायों के सैकड़ों लोग मौके पर एकत्रित हो गए और प्रशासन की कार्रवाई का विरोध करने लगे। स्थानीय लोगों का कहना था कि श्मशान और कब्रिस्तान वर्षों पुराने धार्मिक स्थल हैं और इन्हें हटाना न केवल परंपरा के खिलाफ है बल्कि इससे भावनाओं को भी ठेस पहुंचती है।
विरोध को देखते हुए मौके पर अतिरिक्त पुलिस बल और फोर्स बुलाई गई। तनावपूर्ण हालात को देखते हुए प्रशासन ने रातभर कार्रवाई रोक दी और लोगों को शांत करने का प्रयास किया। पूरे घटनाक्रम के दौरान इलाके में भारी पुलिस बल तैनात रहा और आला अधिकारी भी पूरी रात मौके पर डटे रहे।
आखिरकार सुबह करीब 5 बजे भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच प्रशासन ने अपनी कार्रवाई पूरी की। हालांकि स्थानीय लोगों का विरोध जारी रहा, लेकिन स्थिति को देखते हुए पुलिस ने शांति व्यवस्था बनाए रखते हुए हस्तक्षेप किया और विवाद को और अधिक बढ़ने से रोका। इस पूरी कार्रवाई को लेकर प्रशासन की ओर से कोई औपचारिक बयान अब तक सामने नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार यह कदम अदालत के स्पष्ट निर्देशों के तहत उठाया गया है।
इस घटना ने दिल्ली में एक बार फिर विकास और धार्मिक स्थलों के बीच टकराव की बहस को जन्म दे दिया है। स्थानीय लोग जहां धार्मिक आस्थाओं की दुहाई दे रहे हैं, वहीं प्रशासन का कहना है कि यह कदम जनहित और यातायात सुगमता के लिए उठाया गया है।