Safdarjung Hospital: सफदरजंग अस्पताल में डॉक्टरों की हड़ताल जारी — लिखित माफी पर अड़े रेजिडेंट डॉक्टर, मरीजों की सर्जरी प्रभावित

Safdarjung Hospital: सफदरजंग अस्पताल में डॉक्टरों की हड़ताल जारी — लिखित माफी पर अड़े रेजिडेंट डॉक्टर, मरीजों की सर्जरी प्रभावित
नई दिल्ली, 3 दिसम्बर — राजधानी दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में चिकित्सकों की हड़ताल लगातार तेज होती जा रही है और इसका सीधा असर अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे मरीजों पर पड़ रहा है। कार्डियो थोरेसिक वैस्कुलर सर्जरी (CTVS) विभाग में एचओडी और डॉक्टरों के बीच विवाद के बाद शुरू हुआ तनाव अब गंभीर रूप ले चुका है। रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (RDA) ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि जब तक विवाद में शामिल विभागाध्यक्ष डॉ. अनुभव गुप्ता लिखित रूप से माफी नहीं मांगेंगे, तब तक वे काम पर वापस नहीं लौटेंगे और काम रोको आंदोलन जारी रहेगा।
विवाद की शुरुआत 23 नवंबर को हुई थी, जब आईसीयू में CTVS विभाग के तत्कालीन एचओडी डॉ. अनुभव गुप्ता और एनेस्थीसिया विभाग के एक सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर के बीच तीखी बहस हुई। विवाद बढ़ने के बाद मामला अस्पताल प्रशासन तक पहुंचा, जिसने जांच के बाद कार्रवाई करते हुए डॉ. अनुभव को एचओडी पद से हटा दिया और विभाग का प्रभार डॉ. मंजू गुप्ता को सौंप दिया। उम्मीद की जा रही थी कि एचओडी हटाए जाने के बाद मामला शांत हो जाएगा, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि प्रशासन ने लिखित समझौते की शर्तों का पालन नहीं किया, जिसके कारण हड़ताल फिर भड़क गई।
आरडीए अध्यक्ष देवांशी कौल ने कहा कि विवाद की मध्यस्थता के दौरान प्रशासन ने आश्वासन दिया था कि डॉ. अनुभव सबके सामने और लिखित में माफी मांगेंगे, और यह बात आदेश में स्पष्ट रूप से दर्ज की जाएगी। लेकिन अंतिम आदेश में ‘माफी’ शब्द हटाए जाने के बाद डॉक्टरों ने इसे समझौता तोड़ने जैसा माना और आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया। एनेस्थीसिया विभाग के डॉक्टरों का कहना है कि सम्मान और कार्यस्थल की गरिमा सबसे महत्वपूर्ण है और बिना औपचारिक माफी वे काम पर वापस नहीं लौट सकते।
हड़ताल का सबसे अधिक खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। अस्पताल में रोजाना हजारों मरीज इलाज और सर्जरी के लिए आते हैं, लेकिन एनेस्थीसिया विभाग के डॉक्टरों के काम बंद करने से बड़ी संख्या में निर्धारित ऑपरेशन टाल दिए गए हैं। कई गंभीर मरीज, जिन्हें तुरंत सर्जरी की आवश्यकता है, कठिन स्थिति में हैं और परिवार के लोग अस्पताल प्रबंधन और सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं।
वहीं, अस्पताल प्रशासन की ओर से बयान जारी किया गया है कि सर्जरी एवं नियमित इलाज बाधित नहीं हो रहा और वरिष्ठ डॉक्टर मरीजों को एनेस्थीसिया उपलब्ध करा रहे हैं। हालांकि मरीजों के परिवारों के अनुसार वास्तविक स्थिति अस्पताल की आधिकारिक बयानबाजी से काफी अलग है, क्योंकि कई ऑपरेशन सूची से हटाए जा रहे हैं और मरीजों को तारीख आगे दी जा रही है।
डॉक्टरों की यह हड़ताल राष्ट्रीय स्तर पर चिकित्सा व्यवस्था और अस्पताल प्रशासन के बीच संबंधों पर भी सवाल खड़ा कर रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि स्वास्थ्य सेवा जैसे संवेदनशील क्षेत्र में विवाद समाधान के लिए संवेदनशील और पारदर्शी सिस्टम आवश्यक है, ताकि मरीजों का जीवन संघर्ष की भेंट न चढ़े।
फिलहाल RDA लिखित माफी के मुद्दे पर कायम है और अस्पताल प्रशासन समाधान खोजने के प्रयास में जुटा है। यदि जल्द समाधान नहीं निकला, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।





