उत्तर प्रदेश : 27 हजार स्कूलों के विलय और 27 हजार से अधिक शराब की दुकानें खोलने के फैसले के खिलाफ आम आदमी पार्टी का आगरा में जोरदार विरोध प्रदर्शन
आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं ने उत्तर प्रदेश सरकार के नारेबाजी की। दरअसल....

Agra News : आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं ने उत्तर प्रदेश सरकार के नारेबाजी की। दरअसल, 27 हजार से अधिक परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों को बंद कर उन्हें अन्य स्कूलों में विलय करने की योजना को लेकर ये विरोध किया गया है। इसके साथ ही उनका आरोप था कि सरकार ने 27, 308 नई शराब की दुकानें खोलने का लाइसेंस जारी किया है, जो बच्चों के भविष्य और समाज की प्रगति के लिए बेहद खतरनाक और शर्मनाक कदम है।
लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया
बता दें कि आम आदमी पार्टी ने मंगलवार को आगरा के कबीज प्राथमिक विद्यालय के सामने एक विशाल विरोध प्रदर्शन आयोजित किया। इस प्रदर्शन में आप नेताओं, कार्यकर्ताओं, शिक्षकों, अभिभावकों और स्थानीय लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। उनका आरोप था कि उत्तर प्रदेश सरकार का यह फैसला शिक्षा के अधिकार अधिनियम (RTE) और बच्चों के मौलिक अधिकारों का खुला उल्लंघन है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम, जो यूपीए सरकार द्वारा लागू किया गया था, यह सुनिश्चित करता है कि प्रत्येक बच्चे को एक किलोमीटर के दायरे में स्कूल उपलब्ध हो। लेकिन योगी सरकार का यह कदम न केवल शिक्षा की पहुंच को सीमित कर रहा है, बल्कि गरीब, दलित, पिछड़े और वंचित वर्गों के बच्चों के भविष्य को अंधेरे में धकेल रहा है।
लगाए गंभीर आरोप
आप का आरोप है कि 2024 में सरकार ने 27,308 नई शराब की दुकानें खोलने की अनुमति दी और अब 27 हजार से अधिक स्कूलों को बंद करने की योजना बनाई जा रही है। यह एक विडंबना है कि एक तरफ सरकार शिक्षा के मंदिरों को बंद कर रही है। वहीं दूसरी तरफ समाज को नशे की ओर धकेलने का काम कर रही है। क्या यही है सरकार का “रामराज्य”? क्या उत्तर प्रदेश के युवाओं को शिक्षित और सशक्त बनाने की जगह शराब और नशे की लत में धकेलना सरकार का लक्ष्य है?
कबीज़ प्राथमिक विद्यालय, आगरा में विरोध प्रदर्शन
आगरा के कबीज़ प्राथमिक विद्यालय के सामने आयोजित विरोध प्रदर्शन में आम आदमी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सरकार की इस नीति के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने “मधुशाला नहीं, पाठशाला दो” और “हमें चाहिए कलम और पट्टी, नहीं चाहिए दारू भट्टी” जैसे नारे लगाए। स्थानीय अभिभावकों और बच्चों ने भी इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया और स्कूल बंद करने के फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की।
क्या बोले संजय सिंह
आप के वरिष्ठ नेता राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा, “यह सरकार बच्चों की शिक्षा को नष्ट करने और समाज को नशे की गर्त में धकेलने की साजिश कर रही है। दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी ने सरकारी स्कूलों को विश्वस्तरीय बनाया है, जहां निजी स्कूलों के बच्चे भी पढ़ने आ रहे हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश में सरकार शिक्षा के मंदिरों को बंद कर रही है। यह गरीब बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। हम इस फैसले के खिलाफ सड़क से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ेंगे।”
शौचालय, पीने का पानी और बिजली का अभाव
महानगर उपाध्यक्ष प्रांजल भारद्वाज ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पहले से ही एक लाख से अधिक शिक्षक पद खाली हैं। स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं जैसे शौचालय, पीने का पानी और बिजली का अभाव है। इसके बावजूद, सरकार स्कूलों को बंद करने का फैसला ले रही है, जिससे बच्चों को लंबी दूरी तय कर स्कूल जाना पड़ेगा। यह खासकर बालिकाओं के लिए असुरक्षित और मुश्किल होगा, जिससे ड्रॉपआउट दर बढ़ने की आशंका है। इसके अलावा, स्कूल बंद होने से लाखों शिक्षकों, शिक्षामित्रों, रसोइयों और अन्य कर्मचारियों की नौकरियां भी खतरे में पड़ जाएंगी।
ये रहे मौजूद
इस कार्यक्रम में आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता मौजूद रहे। मुख्य रूप से वरिष्ठ नेता कपिल बाजपेई, ब्रज प्रांत अध्यक्ष डॉ. हृदेश चौधरी, जिला अध्यक्ष सिद्धार्थ चतुर्वेदी, महानगर अध्यक्ष दिलीप बंसल आदि मौजूद रहे।