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उत्तर प्रदेश: यूपी योग और आयुष के जरिए हेल्थ टूरिज्म का हब बनने की राह पर

उत्तर प्रदेश योग और आयुष के जरिए हेल्थ टूरिज्म का हब बनने की राह पर...

Lucknow News : उत्तर प्रदेश योग और आयुष के जरिए हेल्थ टूरिज्म का हब बनने की राह पर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इन दोनों विषयों में निजी रुचि होने के कारण उम्मीद की जाती है कि यूपी को इसका सर्वाधिक लाभ होगा। भविष्य में उत्तर प्रदेश योग और आयुष के सहारे हेल्थ टूरिज्म का हब बनेगा।

गोरखपुर में महायोगी गुरु गोरक्षनाथ आयुष विश्वविद्यालय का उद्घाटन

गोरखपुर में महायोगी गुरु गोरक्षनाथ आयुष विश्वविद्यालय का 30 जून को उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी। इसका शिलान्यास तबके राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 21 अगस्त 2021 में किया था। उद्घाटन के बाद यह विश्वविद्यालय अपनी पूरी क्षमता से लोगों को आरोग्यता प्रदान करने लगेगा।

आयुष और योग की बढ़ती लोकप्रियता

आयुष और योग की वैश्विक स्तर पर बढ़ती लोकप्रियता इसके संभावनाओं को और बढ़ा रही है। हर किसी के लिए उपयोगी होने के कारण आज पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) मनाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा हर्बल उत्पादों को मान्यता देना भारत के लिए एक सुअवसर हो सकता है।

उत्तर प्रदेश को हेल्थ टूरिज्म का हब बनाने की मंशा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समय समय पर योग और आयुर्वेद से होने वाले लाभ और इनके जरिए उत्तर प्रदेश को हेल्थ टूरिज्म का हब बनाने की मंशा भी जता चुके हैं। प्रयागराज महाकुंभ के सफलतम आयोजन के बाद 23 फरवरी को एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था, “धर्म के बाद उत्तर प्रदेश हेल्थ टूरिज्म में भी नंबर वन बनेगा।”

आयुष क्षेत्र की संभावनाएं

आयुष संभावनाओं का क्षेत्र है। बिना किसी दुष्प्रभाव के निरोग और रोग होने पर इलाज का यह एक परंपरागत एवं प्रभावी जरिया है। एक तरह से योग भी इसका हिस्सा है। आयुष की वैश्विक स्तर पर बढ़ती लोकप्रियता इसके संभावनाओं को और बढ़ा रही है।

किसानों की खुशहाली और युवाओं के लिए रोजगार के द्वार

आयुष के बढ़ते क्रेज और कारोबार से स्थानीय स्तर पर औषधीय खेती को प्रोत्साहन मिलेगा। इनके प्रसंस्करण के लिए स्थानीय स्तर पर कुटीर उद्योग लगेंगे। इनमें ग्रेडिंग, प्रसंस्करण, पैकेजिंग, लोडिंग, अनलोडिंग और मार्केटिंग के लिए रोजी रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।

योग और आयुर्वेद गोरक्षपीठ की परंपरा

उल्लेखनीय है कि योग और आयुर्वेद गोरक्षपीठ की परंपरा है। तन और मन के स्वास्थ्य के लिए पूरी दुनिया में स्वीकार्य योग को वर्तमान स्वरूप में लाने का श्रेय नाथपंथ के प्रवर्तक गुरु गोरखनाथ को जाता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर स्थित नाथपंथ का मुख्यालय माने जाने वाले इसी पीठ के पीठाधीश्वर भी हैं।

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