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उत्तर प्रदेश, नोएडा: गैर इरादतन हत्या के प्रयास के दोषी को पांच साल की सजा

उत्तर प्रदेश, नोएडा: गैर इरादतन हत्या के प्रयास के दोषी को पांच साल की सजा

अमर सैनी
उत्तर प्रदेश, नोएडा।गौतमबुद्धनगर के अपर सत्र न्यायाधीश ने साइकिल की खरीद-फरोख्त को लेकर हुए विवाद में गैर इरादतन हत्या के प्रयास के मामले में गांव फीना थाना सिवालाकला बिजनौर के सचिन को दोषी करार देते हुए पांच साल की सजा सुनाई है। दोषी पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना जमा नहीं करने पर दोषी को 60 दिन का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
घटना सात जुलाई 2011 की शाम को नोएडा के सेक्टर 71 चौराहे के पास घटित हुई थी। पीड़ित दिनेश कुमार और आरोपी सचिन दोनों जीके एंटरप्राइजेज सेक्टर-65 नोएडा में एक साथ काम करते थे। दिनेश ने अपने बयान में कहा था कि घटना की शाम करीब आठ बजे दोनों ड्यूटी खत्म करके साइकिल पर घर वापस जा रहे थे। उसके साथ साइकिल पर सचिन भी था। दिनेश साइकिल चला रहा था। दिनेश ने जब सचिन से साइकिल चलाने को कहा तो उसने मना कर दिया। सचिन पीड़ित से साइकिल की मरम्मत के पैसे मांगने लगा। पीड़ित ने कहा कि उसने एक हजार रुपये में साइकिल ली है। साइकिल के एक हजार रुपये पहले ही दे चुका है। अब रिपेयरिंग के पैसे अलग से नहीं देगा। आरोप है कि उसने दिनेश के साथ मारपीट शुरू कर दी और पीठ, छाती व गर्दन पर पेचकस से वार किए।

घटना के दिन दिनेश ने सचिन को पैसे वापस कर दिए थे। हालांकि, साइकिल की मरम्मत के पैसों पर दोनों के बीच विवाद हो गया। दिनेश के शोर मचाने पर आसपास के लोग इकट्ठे हो गए जिससे डरकर सचिन भाग गया। घायल दिनेश को तुरंत एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां से उसे सरकारी अस्पताल सेक्टर-30 नोएडा रेफर किया गया। गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे जयप्रकाश नारायण ट्राॅमा सेंटर दिल्ली भेज दिया। जहां वह तीन दिन तक भर्ती रहा।

पीड़ित के पिता चतर सिंह ने आठ जुलाई 2011 को थाना सेक्टर 49 नोएडा में तहरीर दी थी। शुरुआत में पुलिस ने मामला धारा-324 (खतरनाक हथियारों या साधनों से स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) के तहत दर्ज किया था लेकिन बाद में चिकित्सा रिपोर्ट के आधार पर इसे धारा-308 (गैर इरादतन हत्या के प्रयास) में तब्दील कर दिया गया। 22 अप्रैल 2013 को आरोपी के खिलाफ धारा-308 के तहत आरोप तय किए गए थे। अभियोजन पक्ष ने मामले में पांच गवाह पेश किए।

न्यायाधीश ने अपने निर्णय में कहा कि अभियोजन पक्ष अपने साक्ष्यों से यह साबित करने में सफल रहा है कि सचिन ने दिनेश पर जानबूझकर ऐसा हमला किया था जिससे उसकी मृत्यु हो सकती थी। न्यायालय ने माना कि यह अपराध है। इस कारण उसे सजा सुनाई है।

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