उत्तर प्रदेश, नोएडा: नोएडा एयरपोर्ट की उड़ान पर मुहर, एयरस्पेस में तय हुआ रूट
उत्तर प्रदेश, नोएडा: नोएडा एयरपोर्ट की उड़ान पर मुहर, एयरस्पेस में तय हुआ रूट

अजीत कुमार
उत्तर प्रदेश, नोएडा। नोएडा एयरपोर्ट से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ान के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने एयरस्पेस तैयार लिया है। एयरपोर्ट के व्यावसायिक संचालन के लिए यह बड़ी महत्वपूर्ण उपलब्धि है। एएआई ने बीते 9 दिसंबर को उड़ान को सत्यापित करते हुए हवाई क्षेत्र के डिजाइन और उड़ान प्रक्रियाओं पर मुहर लगा दी है। इंटरनेशनल एयरपोर्ट परियोजना के लिए एयरस्पेस और इंस्ट्रूमेंट फ्लाइट प्रोसीजर (आईएफपी) को तैयार किया गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि अब जल्द ही नोएडा एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाली विमानन कंपनियां अपने गंतव्यों की घोषणा कर सकती हैं। इसके साथ ही अप्रैल से उड़ान शुरू करने के लिए टिकटों की बुकिंग भी शुरू हो सकती है।
देश के सबसे व्यस्त इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नजदीक बने नोएडा एयरपोर्ट के एयर रूट को स्वतंत्र रूप से तैयार किया गया है। इससे दोनों एयरपोर्ट की एक दूसरे पर निर्भरता नहीं होगी। दोनों हवाई अड्डे से विमान सेवाएं अपने-अपने पर मार्ग उड़ान भरेंगी। एयरपोर्ट के हवाई रूट तय होने के साथ ही विमानन कंपनियां अपनी सेवाओं के लिए रूट का निर्धारण करेंगी। उम्मीद जताई जा रही है कि अप्रैल में व्यावसायिक उड़ान वाले विमानों में टिकट की बुकिंग की तिथि जल्द ही घोषित कर दी जाएगी। इसी के साथ ही नोएडा एयरपोर्ट के संचालन के लिए लाइसेंस और एयरड्रोम लाइसेंस की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। उम्मीद जताई जा रही है कि मार्च तक नागर विमानन महानिदेशालय इन दोनों लाइसेंस की प्रक्रिया पर मुहर लगा देगा। पहले दिन 9 दिसंबर को नोएडा एयरपोर्ट से 30 विमानों के संचालन की योजना है। इसमें 25 घरेलू, दो अंतरराष्ट्रीय और दो कार्गो सेवा शुरू की जाएंगी। मार्च तक संचालन संबंधी सारी औपचारिकताएं पूरी हो सकती हैं।
अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का रूट इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन करेगा तय
नोएडा एयरपोर्ट से घरेलू उड़ानों के लिए रूट निर्धारण की प्रक्रिया नागर विमानन महानिदेशालय कर रहा है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का रूट इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन को तय करना है। एएआई की ओर से तय एयरस्पेस में ईंधन की बचत, दो गंतव्यों के बीच कम दूरी और पड़ोसी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर विमानों के बीच सुरक्षित उड़ान का खास ख्याल रखा गया है। एएआई ने बोइंग इंडिया के साथ मिलकर इस एयरस्पेस रूट पर काम किया और बेंगलुरु में उनके टोटल एयरस्पेस एंड एयरपोर्ट मॉडलर (टीएएएम) का उपयोग किया।
कई शहरों के लिए वरदान बनेगा एयरपोर्ट
नोएडा एयरपोर्ट बुलंदशहर से 36 किमी, गाजियाबाद से 60 किलोमीटर, ग्रेनो से करीब 30 किलोमीटर, गुरुग्राम से 65 किलोमीटर और आगरा से 130 किमी दूर है। ऐसे में यह दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का बड़ा विकल्प होगा, जो अभी पूरी क्षमता से काम कर रहा है। इसके साथ ही नोएडा एयरपोर्ट ग्रेनो एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा। साथ ही दिल्ली और नोएडा मेट्रो और रैपिड रेल कनेक्टिविटी भी होगी। इसके पास ही बड़ा लॉजिस्टिक हब भी बनाया जाएगा।
देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा नोएडा
नोएडा एयरपोर्ट देश का सबसे बड़ा और दुनिया तीसरे नंबर का एयरपोर्ट होगा। इसमें दो रनवे के बीच की दूरी 24 सौ मीटर होगी। विमानन कंपनी एयर इंडिया, स्पाइस जेट, इंडिगो और अकाशा ने अपनी भविष्य की कार्ययोजना के लिए ज्यूरिख को साझा किया है। इसमें भविष्य की जरूरतों को देखते हुए विमानन कंपनियों ने अपनी रिपोर्ट दी है और बताया कि भले ही देश और दुनिया में 15 सौ से 16 सौ मीटर की दूरी पर रनवे का निर्माण किया जा रहा है, मगर इस्तांबुल और बीजिंग में बन रहे एयरपोर्ट ने नए मानक तय किए हैं।
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) और बोइंग इंडिया ने नोएडा एयरपोर्ट के लिए आगमन और प्रस्थान प्रोटोकॉल का आकलन और पुष्टि की है। दिल्ली हवाई अड्डे के मौजूदा संचालन के साथ इन नए हवाई अड्डे पर सुरक्षित और कुशल परिचालन को ध्यान में रखकर एयरस्पेस तय किया गया है।
विपिन कुमार, अध्यक्ष, एएआई