
नई दिल्ली, 25 जुलाई : ‘भारत किशोरों की प्रतिभाओं को पोषित करने, उनकी महत्वाकांक्षाओं का समर्थन करने और सभी के लिए एक उज्जवल, समावेशी भविष्य बनाने के लिए उन्हें सशक्त बनाने की अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ है और आगे भी रहेगा।’ यह बात केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने ‘भारत में किशोरों के कल्याण में निवेश के लिए आर्थिक मामला’ रिपोर्ट लॉन्च के अवसर पर वीरवार को कही।
यह रिपोर्ट वैश्विक निष्कर्षों पर आधारित है, जिसे जिनेवा में 77वीं विश्व स्वास्थ्य सभा में जारी मातृ, नवजात और बाल स्वास्थ्य (पीएमएनसीएच) के लिए साझेदारी द्वारा कमीशन किया गया था। पीएमएनसीएच द्वारा विकसित किशोर स्वास्थ्य और कल्याण के लिए निवेश मामला रिपोर्ट किशोरों के कल्याण में निवेश के पर्याप्त आर्थिक लाभों को रेखांकित करती है। यह किशोर स्वास्थ्य, शिक्षा, बाल विवाह रोकथाम और सड़क सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सात प्रमुख कार्यक्रमों पर प्रकाश डालती है, जिनसे निवेश पर प्रभावशाली रिटर्न मिलने की उम्मीद है। इस संबंध में केंद्रीय बजट 2024-25 में 2 लाख करोड़ रुपये के बजटीय प्रावधान किए गए हैं। किशोरों की भलाई के लिए निवेश किए गए प्रत्येक डॉलर के लिए, रिटर्न 4.6 अमेरिकी डॉलर से लेकर 71.4 अमेरिकी डॉलर तक होने का अनुमान है। भारत में डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि डॉ. रोड्रिगो एच. ऑफ्रिन ने कहा कि किसी राष्ट्र द्वारा किशोरों के लिए किया गया निवेश स्मार्ट निवेश होता है, चूंकि किशोरों में निवेश किए बिना सतत विकास लक्ष्य हासिल करना असंभव है।
अपूर्व चंद्रा ने बताया कि भारत राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरकेएसके) शुरू करने वाला पहला देश है जिसमें हाशिए पर पड़े और वंचित समूहों पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसमें पुरुष और महिला, ग्रामीण और शहरी, विवाहित और अविवाहित, स्कूल जाने वाले और स्कूल न जाने वाले किशोरों को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा, गैर-सरकारी संगठनों, सामुदायिक नेताओं और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ साझेदारी को बढ़ावा देकर, हमारा लक्ष्य अपने प्रयासों को बढ़ाना और हर किशोर तक पहुंचना है, चाहे उनकी सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि कुछ भी हो। वहीं, एम्स नई दिल्ली के मनोचिकित्सा के प्रोफेसर डॉ. यतन पाल सिंह बल्हारा ने कहा कि आज भारत में एक आदर्श बदलाव देखा जा रहा है, जहां हाल ही में हुए आर्थिक सर्वेक्षण में पहली बार मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने पर भी गहन और व्यापक ध्यान दिया गया है। वहीं, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की अध्यक्ष डॉ. रीना यादव ने कहा कि विभिन्न यौन और प्रजनन स्वास्थ्य मुद्दों पर परामर्श दिए जाने के दौरान किशोरों की निजता के अधिकार का सम्मान करना महत्वपूर्ण है।
यू-विन प्लेटफॉर्म तैयार जल्द होगा लॉन्च
चंद्रा ने यह भी बताया कि भारत यू-विन प्लेटफॉर्म लॉन्च करने की कगार पर है, जिसे को-विन प्लेटफॉर्म के मॉडल पर बनाया गया है। इस प्लेटफॉर्म के लॉन्च होने से न केवल प्रत्येक बच्चे के स्वास्थ्य रिकॉर्ड को संग्रहित किया जा सकेगा बल्कि इन रिकॉर्डों को डिजिटल बनाया जा सकेगा। जिससे भविष्य में आने वाली स्वास्थ्य चुनौतियों की निगरानी, पहचान और सुधार करने में आसानी होगी।