उत्तर प्रदेश : परमात्मा व प्रकृति की कृपा वाले यूपी में अन्नदाता को सर्वोपरि मानती है योगी सरकार

Lucknow News : परमात्मा व प्रकृति की कृपा वाले उत्तर प्रदेश में योगी सरकार अन्नदाता किसानों को सर्वोपरि मानती है, इसलिए उनके उत्थान व समृद्धि के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। किसानों के हित में योगी सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में पिछले आठ वर्ष में अभूतपूर्व कार्य किए। गौरतलब है कि देश के कृषि योग्य कुल भूमि का केवल 11 फीसदी यूपी में है, जिस पर देश का 20 फीसदी से अधिक खाद्यान्न उत्पादन हो रहा है। 2017 में सरकार की कमान संभालने के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 86 लाख किसानों का 36 हजार करोड़ रुपये माफ किया। सीएम योगी के नेतृत्व में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने की दिशा में हो रहे प्रयास में कृषि की महत्वपूर्ण भूमिका है। यही नहीं, पहली बार रबी फसल में किसानों से एमएसपी पर मक्का खरीद की गई। पिछली सरकारों की ‘मक्कारी’ पर इस सरकार में किसानों का मक्का भी भारी पड़ा। किसान मक्का की खेती से लाखों की आमदनी कर रहे हैं। केंद्र सरकार के नेतृत्व में पहली बार हुआ कि कृषि वैज्ञानिक लैब से निकलकर लैंड तक पहुंचे।
यूपी के किसानों के खाते में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के भेजे गए 90 हजार करोड
विश्व की सबसे बड़ी डीबीटी योजनाओं में शामिल प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ सर्वाधिक उत्तर प्रदेश के किसानों को मिल रहा है। अभी तक इसकी 20 किस्त जारी हो चुकी है। इसमें यूपी के लगभग ढाई करोड़ किसानों के खाते में 90 हजार करोड़ से अधिक रुपये भेजे गए हैं। यदि काशी की बात करें तो यहां के किसानों को करीब 900 करोड़ रुपये मिले हैं।
15 दिन में 20.19 लाख से अधिक किसानों से सीधे संवाद
विकसित कृषि संकल्प अभियान-2025 के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के 75 जनपदों में 29 मई से 12 जून (15 दिन) तक 10125 स्थानों पर 2019785 से अधिक किसानों से संवाद स्थापित करते हुए समस्याओं को जानकर उसका निदान भी कराया गया। जनप्रतिनिधि व कृषि विभाग के अधिकारी आदि प्रतिदिन लगभग 135 स्थानों पर किसानों के पास पहुंचे और सीधे संवाद स्थापित किया।
राज्य सरकार किसानों के भविष्य को संवारने के लिए कर रही कार्य
राज्य सरकार किसानों के भविष्य को संवारने का कार्य कर रही है। 2017 के पहले किसान आत्महत्या कर रहा था। गन्ना किसानों को भुगतान नहीं हो रहा था। मकई, तिलहन, दलहन, आलू, बाजरा, ज्वार, धान, गेहूं के लिए चलने वाले क्रय केंद्रों की दशा खराब थी। 2017 में सरकार ने सबसे पहले 86 लाख किसानों का 36 हजार करोड़ कर्जमाफ किया। फिर सिंचाई की क्षमता को विकसित करने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का सहारा लिया। अब तक 23 लाख हेक्टेयर भूमि को अतिरिक्त सिंचन की सुविधा दी गई। 15 लाख निजी ट्यूबवेल को फ्री में बिजली की सुविधा दी गई। इसके बदले सरकार 2700 करोड़ रुपये बिजली विभाग को देती है, जिससे किसानों को फ्री बिजली मिलती है।
रबी फसल में पहली बार किसानों से एमएसपी पर की गई मक्का खरीद : अन्नदाता किसानों की समृद्धि को निरंतर प्रयत्नशील योगी सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर किसानों से रबी फसल में पहली बार सीधे मक्का की खरीद की। विपणन वर्ष 2024-25 के अंतर्गत बदायूं, बुलंदशहर, अलीगढ़, एटा, कासगंज, फिरोजाबाद, हाथरस, मैनपुरी, हरदोई, उन्नाव, कानपुर नगर, औरैया, कन्नौज, इटावा, फर्रुखाबाद, बहराइच, बलिया, गोंडा, संभल, रामपुर, अयोध्या व मीरजापुर के किसानों से 2225 रुपये प्रति कुंतल पर मक्का की खरीद हुई।
कृषि के क्षेत्र में यूपी की विशेष उपलब्धि
कृषि विकास दर वर्ष 2016-17 में 5.1 प्रतिशत से बढ़कर अब 13.70 प्रतिशत हो गई है।
सीएम योगी के नेतृत्व में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने की दिशा में हो रहे प्रयास में कृषि की महत्वपूर्ण भूमिका है।
8 वर्ष में 46.20 लाख से अधिक किसानों को 2,88,795.78 करोड़ का गन्ना भुगतान
कृषि क्षेत्र जनसंख्या के लगभग 65 फीसदी आबादी को रोजगार उपलब्ध कराता है तो प्रदेश की अर्थव्यवस्था में भी इसकी 20 प्रतिशत भागीदारी है। खाद्यान्न उत्पादन में राष्ट्रीय स्तर पर उत्तर प्रदेश की भागीदारी 20.89 फीसदी है। 2016-17 में जहां 557.46 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न उत्पादन था, वहीं अब बढ़कर लगभग 725.12 लाख मीट्रिक टन हो गया है।
खाद्यान्न शाक-भाजी, मेंथा, आम, अमरुद, दुग्ध-शहद आदि उत्पादन में यूपी शीर्ष पर
दलहन उत्पादन यूपी की भागीदारी 35.58 लाख मीट्रिक टन तथा तिलहन उत्पादन में 36.24 लाख मीट्रिक टन है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में 2017-18 से अब तक लगभग 72.86 लाख किसानों को 5603.98 करोड़ से अधिक की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया।
डीबीटी के माध्यम से कृषि यंत्रों पर अब तक लगभग 1850 करोड़ रुपये का अनुदान किसानों को उपलब्ध कराया गया। आठ वर्ष में एकल कृषि यंत्र लगभग 3.35 लाख, कस्टम हायरिंग सेंटर लगभग 11 हजार व फार्म मशीनरी बैंक का लाभ लगभग 10 हजार किसानों को दिया गया।
पीएम कुसुम योजना के माध्यम से अब तक एक लाख से अधिक किसानों को सोलर पंप उपलब्ध कराया गया है।
2017-18 में खेत तालाब योजना प्रारंभ की गई। 8 वर्ष में उत्तर प्रदेश में लगभग 37403 खेत तालाब निर्मित किए गए। लघु तालाब पर 52,500 रुपये अनुदान दिया जा रहा है। इससे सिंचाई के साथ ही मत्स्य पालन, जलीय खेती से किसानों की आय में भी वृद्धि हुई।
स्प्रिंकलर/ड्रिप सिंचाई से 2.65 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल का आच्छादन हुआ, जिससे 1.80 लाख से अधिक किसान लाभान्वित हुए।
किसानों को कृषि उन्नत तकनीक अपनाने के लिए 2013-14 से 2016-17 तक 258523 किसानों को प्रशिक्षण दिया गया, जबकि 2017 के बाद से 9.25 लाख से अधिक किसान इससे लाभान्वित हुए। कृषक अध्ययन भ्रमण पर 2017 से पहले 1.20 लाख प्रतिभागी गए, वहीं 2017 के बाद से अब तक 4 लाख 9 हजार से अधिक किसानों को उन्नत तकनीक जानने का लाभ मिला।
द मिलियन फॉर्मर्स स्कूल (किसान पाठशाला) में 76 हजार से अधिक गांवों में कुल1.53 लाख से अधिक पाठशालाएं आयोजित हुईं। इसमें 9 चक्रों में 1.71 करोड़ से अधिक किसानों को कृषि की आधुनिक तकनीक से प्रशिक्षित किया गया।
उप्र मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम के तहत 2023-24 में 43,475 मिनी किट वितरित की गई, जबकि 2024-25 में 2.36 लाख से अधिक बीज मिनीकिट का निःशुल्क वितरण किया गया।
उत्तर प्रदेश में पांचवें कृषि विश्वविद्यालय (महात्मा बुद्ध कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कुशीनगर) की स्थापना की जा रही।
मुख्यमंत्री कृषक उपहार योजना के अंतर्गत पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. चौधरी चरण सिंह के जन्म दिवस को किसान सम्मान दिवस के रूप में मनाते हुए किसानों को ट्रैक्टर वितरित कराया जाता है।