उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद: लूट के लिए हुई थी बुजुर्ग की हत्या, नाबालिग धेवता निकला मास्टर माइंड
उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद: लूट के लिए हुई थी बुजुर्ग की हत्या, नाबालिग धेवता निकला मास्टर माइंड
अमर सैनी
उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद। दो दिन पूर्व लोनी थानाक्षेत्र की अशोक विहार कालोनी में हुई हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। बुजुर्ग के सिर पर लोहे ही रॉड से हमला करने के बाद गला दबाकर बुजुर्ग कमरुद्दीन की हत्या की गई थी। एसीपी लोनी सूर्यबली मौर्या ने बताया कि बुजुर्ग की हत्या का मास्टर माइंड बुजुर्ग का नाबालिग धेवता निकला, जिसे परिवार के द्वारा पूर्व में घर से निकाल दिया गया था, वह रजाई की फेरी का काम करता है। एसीपी ने बताया कि उसे कमरुद्दीन के लोहे के बक्से में कैश की जानकारी थी, इसी के लिए उसने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया था। सभी आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं।
11 और 12 जनवरी की रात बुजुर्ग कमरुद्दीन घर में अकेले थे। पत्नी दिल्ली में रहने वाली बेटी निशा अली के घर गई हुई थी। मौका पाकर कमरुद्दीन का नाबालिग धेवता रात में करीब एक बजे अपने दो दोस्तों गुलफाम पुत्र बबली और अरबाज पुत्र रहीशु निवासी मोहम्मदी मस्जिद के पास, अशोक विहार कालोनी के साथ सीढ़ी के सहारे कमरुद्दीन के घर में घुस गए और बुजुर्ग के सिर पर लोहे की रॉड से हमला कर और गला दबाकर हत्या कर दी। तीनों ने कमरुद्दीन के बक्से में रखे चार हजार रुपये, एक सोने की अंगूठी और चांदी की पाजेब निकालकर ले गए। एसीपी लोनी ने बताया कि अभियुक्तों से हत्या के बाद लूटा गया सामान और हत्या में प्रयुक्त लोहे की रॉड बरामद कर ली है।
प्लॉट का पैसा लूटने गया था धेवता
एसीपी सूर्यबली मौर्य के मुताबिक गुलफाम और अरबाज ने पूछताछ में बताया कि कमरुद्दीन का धेवता उनका दोस्त है। उसी ने बताया था कि मेरे नाना के बक्से में सात लाख रुपये की नकदी और गहने रखे हुए हैं। उसके कहने पर हम तीनों कैश और गहने चोरी करने गए थे, कमरुद्दीन के शोर मचाने की कोशिश करने पर हमने लोहे की रॉड से सिर पर वार कर दिया और फिर गला दबाकर हत्या कर दी। कमरुद्दीन के बक्से से मिले चार हजार रुपये, सोने की अंगूठी और चांदी की पाजेब लेकर हम वहां से निकल गए।
तीन साल पहले बेचा था प्लॉट
एसीपी ने बताया कि कमरुद्दीन ने तीन साल पहले सात लाख रुपये का एक प्लॉट बेचा था, धेवते को अंदाजा था कि प्लॉट की नकदी उसके नाना ने बक्से में रखी हुई है, जबकि ऐसा नहीं था, प्लॉट बेचने के बाद कमरुद्दीन ने बेटी की शादी में वह कैश खर्च कर दिया था। एसीपी ने बताया कि कमरुद्दीन कोई काम नहीं करते है, उन्हें दामाद के द्वारा खर्च के लिए पैसे दिए जाते थे, उसी पैसे में से चार हजार रुपये बक्से में थे, जो धेवते और उसके साथियों के हाथ लगे।
धेवता पांचवीं पास और दोस्त अनपढ़
एसीपी लोनी सूर्यबली मौर्या ने बताया कि कमरुद्दीन का धेवता पांचवीं तक पढ़ा है जबकि उसके दोस्त गुलफाम और अरबाज अनपढ़ हैं। गुलफाम और अरबाज, दोनों दिहाड़ी पर काम करते हैं, जबकि कमरुद्दीन के धेवते ने रजाई का काम किया हुआ है, वह सड़क किनारे लगाए गए ठिए पर रहता है। एसीपी के मुताबिक तीनों हत्यारोपियों का कोई आपराधिक इतिहास भी नहीं मिला है।
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