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उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद: घरेलू नौकर चंदन ने रची थी साजिश , 50 लाख के गहने और 10 लाख कैश ‌मिला

उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद: घरेलू नौकर चंदन ने रची थी साजिश , 50 लाख के गहने और 10 लाख कैश ‌मिला

अमर सैनी

डकैती खुली खुलासा :

उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद। गाजियाबाद पुलिस ने 7 जनवरी की शाम हुई डकैती का खुलासा कर दिया है। मामले में पुलिस ने पीड़ित कारोबारी के घरेलू नौकर चंदन और उसके दो साथियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक अभियुक्तों के कब्जे से करीब 50 लाख के गहने 10.49 लाख कैश मिला है। वारदात में शामिल एक अन्य शातिर की पुलिस को तलाश है। कारोबारी ने डकैती की एफआईआर दर्ज कराते हुए 80 लाख के गहने और करीब 25 लाख की नगदी लूटे जाने की बात कही थी।

कविनगर के ए ब्लॉक में कोठी नंबर- 101 में रहने वाले उद्योगपति और स्टील कारोबारी 78 वर्षीय रामदास गुप्ता और उनकी पत्नी सुमित्रा गुप्ता 7 जनवरी की शाम करीब साढ़े आठ बजे अपने ड्राईंग रूम में बैठे टीवी देख रहे थे। तभी दो बदमाश उनके कमरे दाखिल हुए और चाकू निकालते हुए बताया कि हम लुटेरे हैं, नगदी और गहने निकालो। रामदास गुप्ता ने जान बचाने के ल‌िए कोई विरोध नहीं किया। पति पत्नी को एक कमरे में बंद कर बदमाश घर में रखा कैश और सोने- चांदी व हीरे के गहने लूटकर ले गए।
उद्योगपति के मुताबिक, बदमाशों की एंट्री से कुछ देर पहले ही कोठी से बाहर निकला उनका घरेलू नौकर चंदन फोन पर लुटेरों को पूरी जानकारी दे रहा था। रात में करीब 10 बजे जब लुटेरे घर से निकल गए तो रामदास गुप्ता ने पड़ोसी को जानकारी दी, पड़ोसी ने ही पुलिस को सूचित किया था और फिर बच्चों को लेकर गोवा गए रामदास गुप्ता के बेटे गौरव गुप्ता को मामले की जानकारी दी गई थी। रामदास गुप्ता की तहरीर पर कविनगर थाने में डकैती का मुकदमा दर्ज हुआ था।

बिहार भागने की फिराक में थे लुटेरे
डीसीपी सिटी राजेश कुमार ने बताया कि मामले में पुलिस टीम गठित कर लोकल इनपुट, सीसीटीवी कैमरे व मुखबिर की सूचना के आधार पर शुक्रवार रामदास गुप्ता के घरेलू नौकर 20 वर्षीय चंदन कुमार पुत्र राम उदगार कामत निवासी सुपौल, चंदन के गांव के रहने वाले 20 वर्षीय ओमप्रकाश पुत्र जोगेंद्र कामत और 28 वर्षीय सुनील कुमार पुत्र शिवशंकर निवासी जिला गोंडा को मुखर्जी पार्क के पास से गिरफ्तार ‌किया गया है। एक अन्य अभियुक्त अभी फरार है।

चाय की दुकान पर बनी थी योजना
चंदन ने बताया कि वह दो वर्षों से कोठी में काम करता था। कैश और गहनों के बारे उसे पूरी जानकारी थी। 4 जनवरी को गौरव गुप्ता अपने बच्चों के साथ गोवा घूमने चले गये थे। घर में केवल बुजुर्ग रामदास गुप्ता व उनकी पत्नि सुमित्रा गुप्ता ही थे और घर का सीसीटीवी कैमरा भी खराब था। मैंने यह बात अपने साथी ओमप्रकाश को बतायी। 7 जनवरी को ओमप्रकाश अपने दो दोस्तों के साथ कोठी के पास चाय की दुकान पर पहुंचा। हम चारों मिले और रात को करीब पौने नौ बजे हमने उक्त वारदात को अंजाम दे डाला।

पुलिस की नाक के नीचे आरडीसी के किया बंटवारा
पुलिस के खुलासे के मुताबिक चंदन ने बताया कि वारदात को अंजाम देने के बाद बदमाश आरडीसी, राजनगर पहुंचे और कैश आपस में बांट लिया। वारदात के बाद भी लुटेरों ने पुलिस आफिस के पास ही लूटे गए माल का बंटवार कर लिया और करीब 40 घंटे तक शहर में ही रहे। शहर के पॉश इलाके में डकैती की वारदात और फिर 40 घंटे तक उसी क्षेत्र में रहना बताता है कि बदमाशों में पुलिस का कितना खौफ है। चंदन ने बताया कि शुक्रवार को वह बिहार भागने की फिराक में थे, लाल कुआं की तरफ जाते समय मुखर्जी पार्क के पास पुलिस ने हमें गिरफ्तार कर लिया।

अभियुक्तों से हुई बरामदगी के बारे में जानें
पुलिस के मुताबिक अभियुक्तों से एक सफेद धातु का सिक्का, एक अदद घड़ी (फोरासेल्स), चांदी के 133 सिक्के, डायमंड के सात कड़े, गोल्ड की चार पतही छड़ी और एक चूड़ी, एक ग्रीन मोतियों की माला गोल्ड सहित, एक ब्राउन पीली माला, दो हीरे और गोल्ड के ब्रेसलेट, तीन लर का मांग टीका, तीन मोतियों की माला सफेद धातु, एक सैट गले व कान का सफेद धातु का, दो कान का सहारा पीली धातु, एक नग लाल रंग, कान का टॉप्स सफेद धातु, एक सफेद मोती का हुक, एक अंगुठी व 4 बिछुआ चांदी का और एक चांदी का बड़ा कटोरा और 10,49,535 रुपये का कैश बरामद हुआ है।

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