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बोनमैरो प्रत्यारोपण की आठ बेड पर सुविधा शुरू

बोनमैरो प्रत्यारोपण की आठ बेड पर सुविधा शुरू

अमर सैनी

नोएडा। बाल चिकित्सालय एवं स्नातकोत्तर संस्थान में नौ बेड पर बोनमैरो प्रत्यारोपण के इलाज की सुविधा शुरू कर दी गई है। पहले एक बेड पर यह सुविधा मरीजों को मिल रही थी।

कैंसर विभाग की प्रमुख डॉ. नीता राधाकृष्णन ने बताया कि नौ बेड पर सुविधा शुरू होने से ज्यादा-ज्यादा से मरीजों का एक साथ बोनमैरो प्रत्यारोपण किया जा सकेगा। इसका लाभ देश के प्रत्येक इलाकों के बच्चों को मिलेगा। इलाज के लिए बेड की संख्या बढ़ने से अब मरीजों की संख्या बढ़ने की संभावना है। उन्होंने बताया कि प्रत्यारोपण की पूरी प्रक्रिया में 2 से तीन घंटे का समय लगता है और यह दर्द रहित होती है। इसमें किसी भी हड्डी को न तो काटा जाता है और न ही उसे किसी प्रकार का कोई नुकसान पहुंचाया जाता है। इसे पूरी तरह से काम करने में तीन से 18 महीने तक का समय लगता है। गौरतलब है कि बाल चिकित्सालय में अब तक 30 मरीजों का बोनमैरो प्रत्यारोपण किया जा चुका है।

यह है बोनमैरो प्रत्यारोपण

बोन मैरो प्रत्यारोपण या स्टेम सेल ट्रांसप्लांट एक जटिल मेडिकल प्रक्रिया है, जिसमें क्षतिग्रस्त या नष्ट हुई स्टेम सेल को स्वस्थ बोनमैरो सेल से बदला जाता है। बोनमैरो प्रत्यारोपण से कैंसर, थैलेसीमिया सहित कई अन्य गंभीर बीमारियों का इलाज संभव हो पाता है।

बच्चों के लिए सबसे बड़ा केंद्र होगा

बच्चों के बोनमैरो प्रत्यारोपण के लिहाज से उत्तर भारत में बाल चिकित्सालय एवं स्नातकोत्तर संस्थान बड़े केंद्र के रूप में स्थापित होगा। एम्स दिल्ली इसका सबसे बड़ा केंद्र हैं, लेकिन वहां सभी उम्र के मरीजों का बोनमैरो प्रत्यारोपण किया जाता है। 18 साल से कम उम्र के केंद्र के रूप में बाल चिकित्सालय एवं स्नातकोत्तर संस्थान सबसे बड़ा होगा।

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