खतरनाक स्कूल बसों का सीधे होगा पंजीकरण निरस्त
खतरनाक स्कूल बसों का सीधे होगा पंजीकरण निरस्त

अमर सैनी
नोएडा। बच्चों की जान जोखिम में डालकर चलने वाली खतरनाक स्कूल बसों के खिलाफ अब और सख्ती होगी। वाहनों का पंजीकरण निलंबित करने की बजाय अब सीधे निरस्त किया जाएगा। इसकी सूचना शासन को भेजी जाएगी। परिवहन विभाग फिटनेस और परमिट नवीनीकरण न कराने वाली स्कूल बसों के खिलाफ यह कार्रवाई करेगा। अभी तक छह माह तक पंजीकरण निलंबित किए जाते थे।
परिवहन विभाग के मुताबिक नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 1306 स्कूल बसें पंजीकृत हैं। एआरटीओ प्रशासन डॉ. सियाराम वर्मा ने बताया कि स्कूलों ने 156 बसों का फिटनेस टेस्ट नहीं कराया था। पिछले डेढ़ माह में विभाग की ओर से लगाए गए विशेष कैंप में इनमें से 62 स्कूल बसों का फिटनेस टेस्ट कराया गया है। 27 बसों का पंजीकरण निरस्त किया गया। वहीं, 15 वर्ष की समय सीमा पूरी होने के कारण 67 बसों का पंजीकरण निरस्त कर उन्हें कबाड़ घोषित कर दिया गया। ऐसे में 156 बसों में से एक भी बस बिना फिटनेस टेस्ट के नहीं बची है। उन्होंने बताया कि 67 बसों की जानकारी पोर्टल से नहीं हट पाई है। इसका कारण वाहनों पर लंबित चालान और अन्य दस्तावेजों का अभाव है। चालान जमा होने के बाद वाहन फोर पोर्टल से जानकारी हटा दी जाएगी। उन्होंने बताया कि पंजीकरण निरस्तीकरण समेत स्कूली वाहनों पर की जाने वाली कार्रवाई की जानकारी भी शासन को भेजी जा रही है।
तीन माह तक लगातार जांच अभियान
परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार स्कूली वाहनों के खिलाफ तीन माह तक लगातार जांच अभियान चलाया गया। इसमें बिना फिटनेस, परमिट और 15 साल की समय सीमा पूरी कर चुके वाहनों को सीज कर चालान किया गया।एआरटीओ प्रवर्तन डॉ. उदित नारायण पांडेय ने बताया कि बसों की खिड़कियों में ग्रिल न होना, प्राथमिक उपचार बॉक्स न होना या उसमें जरूरी दवाएं न होना, कुछ चालकों का वर्दी न पहनना, निरीक्षण के दौरान चालकों का मौके पर ड्राइविंग लाइसेंस न दिखा पाना, अग्निशमन उपकरण अपडेट न होना समेत अन्य कमियां पाई गईं। उन्होंने बताया कि जांच अभियान लगातार जारी रहेगा और यदि दोबारा बस में खामियां पाई गईं तो उसे सीज करने की कार्रवाई की जाएगी।
निजी वैन में बच्चों को ले जाने पर कार्रवाई
प्रवर्तन दल के अनुसार निजी वैन में स्कूली बच्चों को ले जाते पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इसमें वैन को सीज करने से लेकर चालान करना भी शामिल है। अधिकारियों के अनुसार निजी वैन का व्यावसायिक उपयोग गलत है। व्यावसायिक वाहनों की फिटनेस जांच व अन्य मानकों का पालन न करने के कारण ऐसे वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो सकते हैं। इससे उनमें बैठे यात्रियों की जान को खतरा रहता है। यात्री कर अधिकारी राजेश मोहन ने बताया कि व्यावसायिक स्कूलों के लिए पंजीकृत वैन में भी बैठने की क्षमता के आधार पर बच्चों को बैठाया जा सकता है। क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाने पर कार्रवाई की जाती है।