DelhiNationalस्वास्थ्य

रजोनिवृत्त महिलाओं को ऑस्टियोपोरोसिस से निजात दिलाएगी आईएल -9 की इम्युनोथेरेपी

-डॉ रुपेश और डॉ भावुक समेत 13 डॉक्टरों की टीम ने खोजा पीएमओ का इलाज

एम्स के अस्थिरोग विभाग के अध्यक्ष डॉ भावुक गर्ग
एम्स के अस्थिरोग विभाग के अध्यक्ष डॉ भावुक गर्ग

 

नई दिल्ली, 21 अक्तूबर : 45 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं के लिए एम्स दिल्ली से खुशखबरी आई है, जिसके तहत डॉक्टरों ने ना सिर्फ पोस्ट मेनोपॉजल ऑस्टियोपोरोसिस (पीएमओ) के लिए जिम्मेदार कोशिका की पहचान कर ली है। बल्कि उसका उपचार भी खोज लिया है। फिलहाल, चूहों पर सफल रहे परीक्षणों की श्रृंखला जल्द ही मानवों पर संपन्न की जाएगी।

एम्स के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के प्रोफेसर रुपेश श्रीवास्तव ने बताया कि हाल ही में संपन्न एक शोध से सामने आया है कि पीएमओ रोग के दौरान हड्डियों को नुकसान पहुंचाने के लिए इंटरल्यूकिन-9 (आईएल -9) नामक कोशिका जिम्मेदार है। यह ऑस्टियोक्लास्ट गठन को बढ़ावा देकर और हड्डियों के गठन को दबाकर, रोग की प्रगति में महत्वपूर्ण रूप से योगदान देता है। पशु मॉडल और मानव रोगियों दोनों में हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि आईएल-9 को लक्षित करने से रजोनिवृत्ति के बाद की महिलाओं में हड्डियों के नुकसान से निपटा जा सकता है।

डॉ रुपेश ने बताया कि जब हमने आईएल 9 के खिलाफ एंटीबॉडी का प्रयोग किया तो चूहों में ऑस्टिओपोरोसिस की प्रक्रिया बंद हो गई। इसके साथ ही एम्स दुनिया का पहला संस्थान बन गया जिसने इम्युनोथेरेपी के जरिये पीएमओ को नियंत्रित करने में कामयाबी हासिल की है। शोध से यह भी साबित हुआ कि पहले जिस टीएच 17 सेल को हड्डी की कमजोरी के लिए जिम्मेदार समझा जाता था, उसकी अपेक्षा टीएच 9 सेल अस्थि क्षरण के लिए ज्यादा जिम्मेदार है।

एम्स के अस्थिरोग विभाग के अध्यक्ष डॉ भावुक गर्ग ने बताया कि चूहों पर परीक्षणों के दौरान पाया गया कि एस्ट्रोजन नामक हार्मोन का स्तर कम होने पर आईएल-9 कोशिकाओं का उत्पादन बढ़ जाता है, जो हड्डियों को नुकसान पहुंचाता है। टीएच9 कोशिकाएं, जो आईएल -9 का उत्पादन करती हैं, वह हड्डियों को तोड़ने वाली कोशिकाओं के विकास को बढ़ाती हैं। आईएल -9 को अवरुद्ध करके ना सिर्फ इन हानिकारकप्रक्रियाओं को रोका जा सकता है। बल्कि हड्डियों के स्वास्थ्य में भी सुधार लाया जा सकता है। इससे रजोनिवृत्ति के बाद की महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस जैसी स्थितियों को रोकने में मदद मिल सकती है।

इस शोध को एम्स के 13 प्रमुख डॉक्टरों की टीम ने संपन्न किया है जिसमें रुपेश श्रीवास्तव के साथ भावुक गर्ग, लीना सपरा, चमन सैनी, शिवानी शर्मा, दिबयानी नंदा, ऐश्वर्या नीलाखे, नैबेद्या चट्टोपाध्याय, अवतार सिंह मीना, प्रद्युम्न के मिश्रा, सारिका गुप्ता और विक्रांत मन्हास भी शामिल रहे। यह शोध अमेरिकन सोसाइटी फॉर बोन एंड मिनरल रिसर्च के प्रतिष्ठित जर्नल में भी प्रकाशित हो चुका है।

क्या है पीएमओ ?
पोस्ट मेनोपॉजल ऑस्टियोपोरोसिस (पीएमओ) महिलाओं में पाया जाने वाला हड्डी रोग है जो आमतौर पर रजोनिवृत्त महिलाओं को अपना शिकार बनाता है। इस रोग में महिलाओं की हड्डियां कमजोर और कम घनी हो जाती हैं। यह रोग धीरे-धीरे, कई सालों में विकसित होता है।

टीएच 9 कोशिका का कार्य
टीएच 9 कोशिकाएं प्रतिरक्षात्मक सहिष्णुता को बढ़ाती हैं और परजीवी संक्रमणों से सुरक्षा प्रदान करती हैं। उनमें शक्तिशाली ट्यूमर-रोधी प्रतिरक्षा भी होती है, जो उन्हें कैंसर प्रतिरक्षा चिकित्सा के क्षेत्र में भी मददगार बनाती हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button