Pharma Mahakumbh 2025: ग्रेटर नोएडा में फार्मा महाकुंभ: डिजिटलीकरण और निर्यात पर जोर, व्यापार को मिलेगा मजबूती वाला बढ़ावा

Pharma Mahakumbh 2025: ग्रेटर नोएडा में फार्मा महाकुंभ: डिजिटलीकरण और निर्यात पर जोर, व्यापार को मिलेगा मजबूती वाला बढ़ावा
नोएडा। ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपोमार्ट में CPHI और P-MEC इंडिया 2025 के तहत तीन दिवसीय फार्मा महाकुंभ का भव्य शुभारंभ हो गया। यह कार्यक्रम 25 से 27 नवंबर तक चलेगा और इसमें 120 से अधिक देशों के फार्मा उद्योग के लीडर्स, 2,000 से अधिक प्रदर्शक और 50,000 से अधिक उद्योग पेशेवर हिस्सा ले रहे हैं। यह आयोजन भारत की फार्मा इंडस्ट्री को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित करने और निर्यात को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण मंच है।
इस वर्ष का CPHI और P-MEC इंडिया संस्करण 18वां है और यह विशेष रूप से एपीआई आत्मनिर्भरता, औद्योगिक स्थिरता, डिजिटलीकरण और निर्यात जैसे प्रमुख विषयों पर केंद्रित है। कार्यक्रम का उद्देश्य भारत को फार्मा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना और साथ ही वैश्विक बाजारों में भारतीय फार्मा उत्पादों की पहुंच बढ़ाना है।
इस महाकुंभ में चीन, इटली, जर्मनी, दक्षिण कोरिया और अन्य कई देशों के अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शक शामिल हैं। इससे न केवल सीमा पार सहयोग को मजबूती मिलेगी बल्कि भारतीय फार्मा उद्योग के लिए नई व्यापारिक संभावनाएं भी उत्पन्न होंगी। इनफॉरमा मार्केट्स इन इंडिया के प्रबंध निदेशक योगेश मुद्रास ने इस अवसर पर कहा कि यह फार्मा इंडस्ट्री से जुड़ा सबसे बड़ा शो है। “इस आयोजन में 120 देशों से फार्मा लीडर्स इकट्ठा हो रहे हैं। यहां फार्मा इंडस्ट्री से जुड़ी हर चीज देखने और जानने को मिलेगी। यह भारत के व्यापार के लिए बेहद लाभकारी साबित होगा, क्योंकि विदेशी व्यापारी यहां से सीधे खरीददारी करेंगे।”
कार्यक्रम में फार्मा उद्योग से जुड़े विभिन्न सेमिनार, वर्कशॉप और नेटवर्किंग सत्र भी आयोजित किए जा रहे हैं। डिजिटल टेक्नोलॉजी, स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग और टिकाऊ फार्मा प्रथाओं पर विशेष फोकस रखा गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के ग्लोबल प्लेटफॉर्म से भारतीय फार्मा सेक्टर में निवेश बढ़ेगा और अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
ग्रेटर नोएडा का यह फार्मा महाकुंभ केवल उत्पादों के प्रदर्शन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह नए विचारों, नवाचारों और औद्योगिक रणनीतियों का आदान-प्रदान करने का अवसर भी प्रदान करता है। उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि यह कार्यक्रम भारत को फार्मा उद्योग में वैश्विक नेतृत्व की दिशा में अग्रसर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।





