100 एकड़ में बनेंगे डाटा सेंटर और आईटी पार्क दोनों
100 एकड़ में बनेंगे डाटा सेंटर और आईटी पार्क दोनों

अमर सैनी
नोएडा। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के सेक्टर-28 में डाटा सेंटर पार्क के लिए आरक्षित 100 एकड़ क्षेत्र में सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी (आईटी पार्क) भी विकसित किया जाएगा। 50-50 एकड़ में डाटा सेंटर और आईटी पार्क विकसित करने का खाका तैयार किया गया है। देश में डाटा सेंटर की कम मांग और नियम व शर्तों के आधार पर आवेदन न मिलने के कारण यह निर्णय लिया गया।
प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि सेक्टर-28 में डाटा सेंटर पार्क के विकास के लिए 100 एकड़ जमीन आरक्षित की गई थी। प्राधिकरण ने डाटा सेंटर पार्क के लिए योजना भी शुरू की, लेकिन शर्तें पूरी न होने के कारण आवेदन खारिज कर दिए गए। प्राधिकरण ने डाटा सेंटर पार्क में निवेश न करने के कारणों को जानने के लिए अध्ययन भी कराया। डाटा सेंटर पार्क में निवेश करने में बहुत कम कंपनियों ने रुचि दिखाई। उद्यमी डाटा सेंटर के लिए तैयार दिशा-निर्देशों से भी पीछे हट गए। ऐसे में प्राधिकरण ने डाटा सेंटर का क्षेत्र बदलने का निर्णय लिया। अब कुल 100 एकड़ में से 50 एकड़ में डेटा सेंटर पार्क और आधे में आईटी पार्क विकसित किया जाएगा। आईटी पार्क में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), एविएशन और इलेक्ट्रॉनिक्स से जुड़ी इकाइयां स्थापित की जाएंगी। यहां 10,000 वर्ग मीटर के 50 प्लॉट पर योजना बनाई जाएगी।
आईटी में निवेश के अपार अवसर
प्राधिकरण का मानना है कि डेटा सेंटरों की तुलना में आईटी पार्कों में अधिक निवेश आएगा। सॉफ्टवेयर से जुड़ी विभिन्न श्रेणियों में नई कंपनियां शुरू होने से लाखों लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। यमुना विकास प्राधिकरण का मुख्य फोकस क्षेत्र में निवेश के साथ-साथ रोजगार पैदा करना है। जबकि सर्वर और डेटा से जुड़ी कंपनियों को ही डेटा सेंटर पार्कों में निवेश की अनुमति होगी। डेटा सेंटर पार्कों के लिए नियम यह है कि यहां केवल अनुभवी कंपनियों को ही निवेश का मौका मिलेगा और उन्हें एकमुश्त भुगतान करना होगा। ऐसे में आईटी पार्कों के विकसित होने से क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियां बढ़ेंगी।
एविएशन हब से महज ढाई किलोमीटर की दूरी
सेक्टर-28 में विकसित होने वाले आईटी पार्क की दूरी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के एविएशन हब से महज 2.5 किलोमीटर है। ऐसे में एविएशन से जुड़ी इकाइयों को माल ढुलाई के लिए ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। इलेक्ट्रॉनिक और एआई से जुड़े उत्पादों का आयात-निर्यात भी आसानी से किया जा सकेगा। इससे समय और पैसे दोनों की बचत होगी। एयरपोर्ट से अन्य कनेक्टिविटी से भी काम आसान हो जाएगा।
कोट
डेटा सेंटर पार्क के लिए आरक्षित 100 एकड़ क्षेत्र के आधे हिस्से में अब आईटी पार्क विकसित किया जाएगा। यह सेक्टर एयरपोर्ट के काफी नजदीक है। आईटी पार्क में निवेश की काफी संभावनाएं हैं और रोजगार के नए साधन भी उपलब्ध होंगे।
– डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ यमुना अथॉरिटी