
New Delhi (मिताली चंदोला, एडिटर, स्पेशल प्रोजेक्ट्स) : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड में सक्रिय प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) के स्वयंभू प्रमुख दिनेश गोप और 19 अन्य व्यक्तियों व संस्थाओं के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत एक पूरक अभियोजन शिकायत दायर की है। यह शिकायत माननीय विशेष पीएमएलए न्यायालय, रांची में दाखिल की गई है।
ईडी की आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, जांच में सामने आया है कि पीएलएफआई के सदस्यों ने खनन, परिवहन और ठेकेदारी कार्यों में जबरन वसूली और लेवी के माध्यम से अवैध रूप से धन एकत्र किया। एजेंसी ने अनुमान लगाया है कि लगभग ₹20 करोड़ की अपराध से अर्जित आय (Proceeds of Crime) उत्पन्न की गई थी।
दिनेश गोप को पहले ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गिरफ्तार किया था। ईडी ने बताया कि इस धन का उपयोग नक्सली गतिविधियों, हथियारों की खरीद और संगठन को वित्तीय रूप से मजबूत करने के लिए किया गया। अब तक ईडी ने इस मामले में ₹3.36 करोड़ की संपत्ति को ट्रैक किया है, जिसे अपराध की आय बताया गया है।
एजेंसी के मुताबिक, यह पूरक शिकायत नक्सल आतंकवाद की आर्थिक जड़ों को खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ईडी ने कहा कि जांच अब भी जारी है और पीएलएफआई से जुड़े अन्य व्यक्तियों, उनकी संपत्तियों और बैंक खातों की जांच व जब्ती कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।





