
नई दिल्ली, 9 जून : जैसे-जैसे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) नजदीक आ रहा है। वैसे -वैसे योग का आकर्षण ना सिर्फ फिल्म, संगीत और सार्वजनिक सेवा से जुड़े जाने-माने लोगों को प्रभावित कर रहा है। बल्कि उन्हें वैश्विक जागरूकता अभियान में शामिल होने के लिए प्रेरित भी कर रहा है। यानि मशहूर हस्तियों के माध्यम से रोजमर्रा की जिंदगी में योग की अहमियत घर -घर तक पहुंच रही है।
इस संबंध में दिग्गज अभिनेता अनिल कपूर ने माइक्रो ब्लॉगिंग साईट एक्स पर लिखा – योग प्रेरणा देता है, उपचार करता है और जोड़ता है। आइए योग महोत्सव की भावना के ज़रिए एक स्वस्थ आज और कल को अपनाएं। इसी भावना को दोहराते हुए, फिटनेस आइकन शिल्पा शेट्टी ने पोस्ट किया, योग हमारे भीतर और हमारे आस-पास सद्भाव को बढ़ावा देता है। जैसा कि हम योग महोत्सव की भावना के जरिए आईडीवाई 2025 मना रहे हैं, आइए हम सामूहिक रूप से आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वास्थ्य की इस विरासत को बढ़ावा दें।
लोकप्रिय अभिनेत्री रकुल प्रीत सिंह ने अपने इंस्टाग्राम पर उल्लेख किया, प्राचीन भारत से लेकर वैश्विक मंच तक, योग प्रेरणा देता है, उपचार करता है और जोड़ता है। प्रख्यात अभिनेता अनुपम खेर ने भी एक वीडियो संदेश साझा किया, जिसमें सभी को ‘योग का जश्न मनाने’ के लिए प्रोत्साहित किया गया। मनोज जोशी ने जोर देकर कहा, हमारे आधुनिक, तेज-तर्रार जीवन में, यदि हम आयुर्वेद और योग सिद्धांतों के अनुसार अपनी दिनचर्या की योजना बनाते हैं, तो यह हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए फायदेमंद होगा। उन्होंने लोगों से प्रतिदिन योग का अभ्यास करने का भी आग्रह किया।
पहलवान संग्राम सिंह ने कहा, योग का अर्थ है मिलन – आत्मा का परमात्मा से संबंध। यह हमें प्रकृति के साथ जोड़ता है और हमारे भौतिक और आंतरिक स्व के बीच की खाई को पाटता है। शरीर, मन और आत्मा को एकीकृत करके, योग हमें तनाव, चिंता और अवसाद से मुक्त रहने में मदद करता है। सांस्कृतिक दिग्गजों ने भी अपनी आवाज़ दी, जिसमें कैलाश खेर ने कहा, भारत में कई परिवर्तनों के बीच, दुनिया ने योग के कालातीत उपहार को स्वीकार किया है और अपनाया है, जबकि विश्व स्तर पर प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्यांगना सोनल मानसिंह ने कहा, योग मेरे जीवन की यात्रा में गहरी अंतर्दृष्टि और आध्यात्मिक उत्थान का मार्ग रहा है।
पुडुचेरी की पूर्व राज्यपाल और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने कहा, योग आत्म-देखभाल और सामाजिक देखभाल का दूसरा नाम है। प्रामाणिकता और जीवंत अनुभव पर आधारित ये संदेश युवाओं को भारत की समृद्ध स्वास्थ्य परंपराओं को फिर से खोजने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। ये प्रभावशाली आवाजें ना सिर्फ अपने लाखों फॉलोवर्स को योग को एक अभ्यास के रूप में जीवन में अपनाने का आग्रह कर रही हैं। बल्कि डिजिटल नेटिव्स और युवाओं को 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने के लिए उत्साहित कर रही हैं।