
नई दिल्ली, 3 फरवरी : ‘एयरो इंडिया-2025’ के तहत देश और दुनिया के रक्षा उत्पाद कंपनियां आगामी 10 फरवरी से बेंगलुरु में येलाहांका स्थित वायु सेना स्टेशन पर एकत्रित होंगी। इस दौरान स्वदेशी तेजस 1 और तेजस मार्क 2 हल्के लड़ाकू विमान के लिए विदेशी इंजन खरीद के विकल्पों को अंतिम रूप दिया जा सकता है।
भारतीय वायु सेना के मुताबिक एयरो इंडिया के पांच दिवसीय संस्करण में रूस, फ्रांस और ब्रिटेन की विमानन कंपनियां भाग लेंगी। इनमें सरकारी स्वामित्व वाली फ्रांस की स्नेकन (एसएनएसीएएन) कंपनी और ब्रिटेन की एयरोस्पेस रक्षा कंपनी रोल्स रॉयस शामिल हैं। इन कंपनियों के इंजन तेजस की क्षमता में इजाफा करने के लिए खरीदने पर भी चर्चा होगी। हालांकि, अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक भी तेजस के लिए इंजन का निर्माण कर रही है। अब अंतिम सौदा क्या होगा, वह येलहंका में पता चलेगा।
इस शो की खासियत रूसी बमवर्षक सुखोई 57 (एसयू-57) की भागीदारी है जो पहली बार भारत के आकाश में उड़ान भरेगा और अपनी शक्ति का प्रदर्शन करेगा। यह पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान है। सुखोई एसयू-57 एक ट्विन इंजन, सिंगल सीट, स्टील्थ मल्टीरोल एयरक्राफ्ट है। यह रूसी सैन्य सेवा में पहला विमान है जिसे स्टील्थ तकनीक के साथ लड़ाकू विमान के रूप में डिजाइन किया गया है। रूसी एसयू -57 का मुकाबला अमेरिका के एफ-35 से माना जा रहा है। ऐसी संभावना है कि अमेरिका भी एफ-35 को एरो इंडिया में शामिल होने के लिए भेज सकता है।
जनसंपर्क अधिकारी (रक्षा) इंद्रनील नंदी के मुताबिक इस पांच दिवसीय कार्यक्रम के दौरान प्रथम तीन दिवस व्यावसायिक दिवस होंगे। इस कार्यक्रम में एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र की एक प्रमुख व्यापार प्रदर्शनी के साथ-साथ भारतीय वायु सेना और अन्य प्रतिभागियों द्वारा हवाई प्रदर्शन भी शामिल होंगे। एयरोस्पेस उद्योग में वैश्विक प्रमुखों और बड़ी कंपनियों के अलावा दुनिया भर के थिंक-टैंक भी इस प्रदर्शनी में भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि पिछले संस्करण में 201 एमओयू, प्रमुख घोषणाएं, उत्पाद लॉन्च और 75,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के प्रौद्योगिकी हस्तांतरण सहित 250 से अधिक साझेदारियां सामने आई थी।
भारत और पाकिस्तान टी20 विश्व कप 2024 में दो बार आमने-सामने हो सकते हैं। जानिए कैसे