अमर सैनी
नोएडा। विद्युत निगम के मीटर रीडरों की लापरवाही, सॉफ्टवेयर और मीटर में तकनीकी खामियों के चलते 15 हजार उपभोक्ताओं को गलत बिल मिल रहे हैं। उपभोक्ता अपने बिल सही कराने के लिए बिजली दफ्तरों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। कभी दफ्तरों में अधिकारियों के न होने तो कभी सर्वर की दिक्कत के चलते बिल सही नहीं हो पा रहे हैं। इससे उपभोक्ताओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
विद्युत निगम की ओर से आवासीय, औद्योगिक और व्यावसायिक बिल बनाने और वितरित करने की जिम्मेदारी मेरठ की एक निजी कंपनी को सौंपी गई है। कंपनी ही बिलिंग का काम देख रही है। अगस्त माह में विद्युत निगम के उपकेंद्रों, दफ्तरों, ग्राहक सेवा केंद्रों और हेल्पलाइन नंबरों पर गलत बिजली बिल की करीब 15 हजार शिकायतें आईं। जुलाई में भी कई उपभोक्ताओं को गलत बिल मिले थे।मीटर रीडरों की लापरवाही के चलते बिलों में और भी खामियां आ रही हैं। अब उपभोक्ता इन गलतियों को ठीक कराने के लिए विद्युत निगम के अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं। हालांकि गलत बिल बनाने और बिल सही करने के लिए रिश्वत मांगने के मामले सामने आते रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में बिजली निगम की प्रवर्तन टीम ने सेक्टर-52 बिजली दफ्तर में छापा मारकर कार्यालय सहायक और दो संविदा कर्मचारियों को रिश्वत के पैसे के साथ पकड़ा था। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
बिल सही करवाना आसान नहीं
बढ़े हुए बिजली बिल को सही करवाना उपभोक्ताओं के लिए आसान नहीं है। बिल सही करवाने के लिए उपभोक्ता को सबसे पहले संबंधित बिजली दफ्तर जाना पड़ता है। जेई को अपना पुराना बिल दिखाना पड़ता है। पुराने बिल के आधार पर एसडीओ को बिल कम करवाने के लिए हस्ताक्षर करने पड़ते हैं। इसके बाद उपभोक्ता को बिल कम करवाकर संबंधित अधिशासी अभियंता से हस्ताक्षर करवाने पड़ते हैं। फिर जेई से मिलकर नया बिल बनवाकर जमा करवाना पड़ता है। इन सभी कार्यों के लिए उपभोक्ताओं को कम से कम एक सप्ताह या दस दिन तक बिजली दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं।
वर्जन
गलत बिल की कुछ शिकायतें आई थीं, उन्हें तुरंत प्रभाव से ठीक करवाया जा रहा है। उपभोक्ता बिल संबंधी शिकायत 9193301659 नंबर पर कॉल या मैसेज करके भी कर सकते हैं। इस नंबर पर आने वाली सभी शिकायतों का तुरंत समाधान किया जाएगा। इस नंबर पर फोन और मैसेज के जरिए आने वाली शिकायतों की रोजाना समीक्षा भी की जा रही है।
-हरीश बंसल, मुख्य अभियंता, बिजली निगम।