
नई दिल्ली, 23 मार्च : भारतीय सेना ने भूतपूर्व सैनिकों और अन्य लोगों के लिए विशेष मोतियाबिंद नेत्र शल्य चिकित्सा शिविर का आयोजन किया।
इस शिविर का उद्घाटन पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल आरसी तिवारी ने किया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय दृष्टिहीनता और दृश्य हानि नियंत्रण कार्यक्रम के तहत बैंगडूबी सैन्य स्टेशन के 158 बेस अस्पताल में 350 से अधिक पूर्व सैनिकों, आश्रितों और चुनिंदा नागरिकों की दृष्टि बहाल की जाएगी। यह भारतीय सेना का तीसरा शिविर है, इससे पहले देहरादून (उत्तराखंड) और जयपुर (राजस्थान) में दो शिविर आयोजित किए जा चुके हैं।
चिकित्सा दल का नेतृत्व ब्रिगेडियर संजय मिश्रा कर रहे हैं, जो एक प्रतिष्ठित नेत्र शल्य चिकित्सक और आर्मी हॉस्पिटल रिसर्च एंड रेफरल, नई दिल्ली में नेत्र रोग विभाग के प्रमुख हैं। टीम में आरआर हॉस्पिटल और कमांड हॉस्पिटल लखनऊ के डॉक्टर शामिल हैं, जिनका लक्ष्य तीन दिनों में 300 से 350 सर्जरी करना है। सेना के मुताबिक मरीजों को अत्याधुनिक उपकरणों और उच्च गुणवत्ता वाले लेंस के साथ सर्वोत्तम संभव नेत्र चिकित्सा देखभाल प्रदान की जा रही है।
त्रिशक्ति कोर के तहत इस पहल में सेवारत और सेवानिवृत्त रक्षा कर्मियों और उनके परिवारों की दृष्टि देखभाल आवश्यकताओं को प्राथमिकता दी जाती है। बैंगडूबी और आस-पास के क्षेत्र रणनीतिक महत्व रखते हैं, जो पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम और यहां तक कि नेपाल की एक बड़ी आबादी की जरूरतों को पूरा करते हैं। लगभग 96,000 की पूर्व सैनिकों की आबादी के साथ, इस पहल का उद्देश्य अत्याधुनिक नेत्र चिकित्सा देखभाल प्रदान करना है, जो राष्ट्र की सेवा करने वालों के लिए समय पर चिकित्सा हस्तक्षेप सुनिश्चित करता है।
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