नई दिल्ली, 12 सितम्बर : एम्स दिल्ली में अध्ययनरत सर्जरी के छात्रों को रोबोटिक सर्जरी में पारंगत बनाने के लिए एक और अत्याधुनिक रोबोट प्रणाली की स्थापना की गई है जिसका उद्घाटन शुक्रवार को किया गया। इस दौरान निदेशक एम श्रीनिवास, सर्जरी विभाग के मुखिया डॉ. सुनील चुंबर और यूरोलॉजी विभाग के डॉ. राजीव कुमार मौजूद रहे।
प्रोफेसर डॉ. राजीव कुमार ने बताया कि एम्स की कौशल, ई-लर्निंग और टेलीमेडिसिन सुविधा (सेट) देश की एकमात्र ऐसी कौशल प्रशिक्षण सुविधा बन गई है जिसे रोबोटिक सर्जरी के व्यापक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए दो अलग-अलग रोबोटिक प्लेटफॉर्म से सुसज्जित किया गया है। उन्होंने बताया कि यह सर्जनों और देखभाल टीमों को यूरोलॉजी, स्त्री रोग, सामान्य शल्य चिकित्सा, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, सिर और गर्दन की सर्जरी आदि सहित प्रमुख विशेषज्ञताओं में रोबोट-सहायता प्राप्त सर्जरी करने के लिए आवश्यक कौशल और तकनीकी प्रशिक्षण से लैस करेगा।
डॉ. कुमार ने बताया, एम्स में केवल प्रशिक्षण के लिए दो सर्जिकल रोबोट हैं। पहला मेडट्रॉनिक्स का ह्यूगो और दूसरा दा विंची है। इसके साथ ही एम्स देश का ऐसा पहला सरकारी मेडिकल कॉलेज बन गया है जहां इंट्यूटिव सर्जिकल के उन्नत संस्करण के जरिये मेडिकल छात्रों, नर्सों और तकनीशियनों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इससे जहां एम्स के करीब एक हजार सर्जनों के सटीक सर्जरी कौशल संबंधी नींव में मजबूती आएगी। वहीं, मरीजों को भी छोटे चीरे और कम घाव के साथ तेज रिकवरी करने में आसानी होगी और अस्पताल से छुट्टी भी जल्द मिल सकेगी।
एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ. एम. श्रीनिवास ने कहा, देश में रोबोटिक सहायता प्राप्त सर्जरी जैसी सटीकता-संचालित तकनीकों की मांग बढ़ रही है। जिसे सेट के जरिये पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। यह केंद्र उन्नत रोबोटिक तकनीकों पर सर्जरी करने के लिए सर्जनों को सुसज्जित करके, सर्जिकल सटीकता में सुधार, रिकवरी समय को कम करने और देश भर में रोगी देखभाल को बेहतर बनाने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि पहले, सर्जनों को ऐसा प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए विदेश यात्रा करनी पड़ती थी और बड़ी रकम खर्च करनी पड़ती थी लेकिन अब उन्हें संस्थान के भीतर ही रोबोटिक सर्जरी का बेहतरीन प्रशिक्षण मिल सकेगा।
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