
नई दिल्ली, 29 मई : तीन साल की छोटी सी अवधि में लाभ कमाने वाली कॉर्पोरेट इकाई में तब्दील होने वाले तीन रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (डीपीएसयू) को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीरवार को ‘मिनीरत्न’ श्रेणी-I का दर्जा दिया। उन्होंने कहा कि डीपीएसयू को आधुनिक युद्ध के उभरते क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास पर अधिक ध्यान देने के साथ नवीनतम प्रौद्योगिकियों पर आधारित उत्पादन को बढ़ावा देना चाहिए।
दरअसल, केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को महारत्न, नवरत्न और मिनीरत्न का अलग-अलग दर्जा देकर उन्हें बिजनेस फैसले लेने की आजादी देती है, जिससे वे ज्यादा आत्मनिर्भर बन सकें और तेजी से ग्रोथ कर सकें। रक्षा मंत्री ने म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड, आर्मर्ड व्हीकल्स निगम लिमिटेड और इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड को कारोबार में इजाफा करने, स्वदेशीकरण सामग्री का अधिकतम इस्तेमाल करने और अन्य प्रदर्शन मापदंडों के आधार पर मिनीरत्न (श्रेणी-I) का दर्जा दिया है।
एमआईएल ने स्थापना के बाद से महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं, जिसमें 200% से अधिक की शानदार वृद्धि शामिल है। एमआईएल के प्रमुख उत्पादों में छोटे, मध्यम और उच्च कैलिबर के गोला-बारूद, मोर्टार, रॉकेट, हैंड ग्रेनेड आदि शामिल हैं, जिनमें आरंभिक रचनाओं, प्रणोदकों और उच्च विस्फोटकों का इन-हाउस निर्माण शामिल है। एवीएनएल के प्रमुख उत्पादों में बख्तरबंद या लड़ाकू वाहन (टी-90, एमबीटी अर्जुन, इन्फैंट्री कॉम्बैट वाहन ‘बीएमपी-II सरथ’ आदि), सहायक वाहन और रक्षा गतिशीलता समाधान शामिल हैं। आईओएल के मुख्य उत्पादों में ऑप्टो-इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम और विजन उपकरण शामिल हैं, जिनका उपयोग भूमि प्रणाली प्लेटफॉर्म और युद्धक टैंक टी-90, टी-72, इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल बीएमपी-II, आर्टिलरी गन, नेवल गन आदि जैसे हथियारों में किया जाता है।