नई दिल्ली, 7 फरवरी: आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत देश रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है जिसके चलते ना सिर्फ रक्षा निर्यात में इजाफा हो रहा है। बल्कि देश, वैश्विक नेता के रूप में उभर रहा है। इसके पीछे नवाचार, गुणवत्ता आश्वासन और मानसिकता की भी महत्वपूर्ण भूमिका है।
यह बातें सचिव (रक्षा उत्पादन) संजीव कुमार ने मानेकशॉ सेंटर में आयोजित उद्योग गुणवत्ता आश्वासन (क्यूए) सम्मेलन में शुक्रवार को कहीं। वह रक्षा विनिर्माण में भारत की प्रगति पर बोल रहे थे। सम्मेलन का उद्देश्य रक्षा विनिर्माण में स्वदेशीकरण और उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए रक्षा क्षेत्र व जहाज निर्माण उद्योगों के बीच गहन सहयोग और नवीन रणनीतियों को बढ़ावा देना था। नौसेना के मैटीरियल प्रमुख वाइस एडमिरल किरण देशमुख ने तकनीकी नवाचार, सहयोग और कठोर परीक्षण को मजबूत और गुणवत्ता-संचालित रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र के लिए प्रमुख स्तंभों के रूप में वर्णित किया।
गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशक एन मनोहरन ने रक्षा विनिर्माण की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए एक मजबूत क्यूए-उद्योग साझेदारी और मानकीकृत, अभिनव और जोखिम-प्रबंधित प्रक्रियाओं की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। युद्धपोत उत्पादन के अतिरिक्त महानिदेशक (क्यूए) रियर एडमिरल इकबाल सिंह ग्रेवाल ने रक्षा विनिर्माण में उत्कृष्टता प्राप्त करने में उभरती प्रौद्योगिकियों और सुव्यवस्थित क्यूए प्रक्रियाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम में वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों, उद्योग जगत के नेताओं, नौसेना के प्रतिनिधियों और गुणवत्ता आश्वासन पेशेवरों ने भाग लिया।
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