
नई दिल्ली, 11 अप्रैल : भारतीय सेना की जम्मू एवं कश्मीर राइफल्स ने सेंटर फॉर लैंड वारफेयर स्टडीज के सहयोग से शुक्रवार को दिल्ली कैंटोनमेंट के मानेकशॉ सेंटर में एक संगोष्ठी का आयोजन किया।
इस दौरान जनरल जोरावर सिंह की रणनीतिक प्रतिभा, उच्च ऊंचाई वाले युद्ध में महारत और आधुनिक जम्मू-कश्मीर राज्य तथा भारतीय सेना की जम्मू-कश्मीर राइफल्स रेजिमेंट के गठन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को सामने लाया गया। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने जनरल जोरावर सिंह के उल्लेखनीय जीवन, सैन्य अभियानों और स्थायी विरासत को याद किया और उन्हें भारत के सबसे प्रसिद्ध सैन्य नेताओं में से एक बताया।
सेना प्रमुख द्विवेदी ने दो महत्वपूर्ण पुस्तकों का विमोचन भी किया जो भारत के सैन्य इतिहास और भारतीय सेना की स्थायी विरासत की समझ को और भी गहरा बनाती हैं। इन पुस्तकों में आठ गोरखा राइफल्स (अब मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री रेजिमेंट की तीसरी बटालियन) की प्रथम बटालियन के लेफ्टिनेंट कर्नल धन सिंह थापा की बेटी मधुलिका थापा द्वारा लिखित “द वारियर गोरखा” और लेफ्टिनेंट जनरल घनश्याम सिंह कटोच (सेवानिवृत्त) द्वारा लिखित “ए कश्मीर नाइट एंड द लास्ट 50 इयर्स ऑफ द प्रिंसली स्टेट ऑफ जेएंडके” शामिल हैं। इसके अलावा, जनरल द्विवेदी ने फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ निबंध प्रतियोगिता-2024 के विजेताओं को सम्मानित किया।
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