
नई दिल्ली, 5 अगस्त : फिलीपींस नौसेना के जहाजों संग द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास के साथ ही भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े के जहाजों का मनीला में बंदरगाह प्रवास सोमवार को समाप्त हो गया। अभ्यास के समुद्री चरण के दौरान, वायु-रोधी, सतह-रोधी और पनडुब्बी-रोधी अभ्यास किए गए।
नौसेना के इस बेड़े में आईएनएस दिल्ली (गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर), आईएनएस शक्ति (फ्लीट टैंकर) और आईएनएस किल्टन (एंटी सबमरीन वारफेयर कॉर्वेट) जैसे जहाज शामिल रहे जिनका नेतृत्व फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग रियर एडमिरल सुशील मेनन ने किया। प्रस्थान से पहले दोनों देशों के जहाजों और नौसैनिकों ने द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास किया।
इस दौरान एओसीईएफ ने फिलीपींस के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की। इनमें फिलीपीन फ्लीट के कमांडर आर.एडमिरल जो एंथनी सी. ओर्बे, फिलीपींस के सशस्त्र बलों के उप-प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल जिमी डी. लारिडा, सामरिक मूल्यांकन एवं योजना के अवर सचिव इग्नासियो बी. मद्रीगा और फिलीपींस तटरक्षक बल के उप-कमांडेंट वाइस एडमिरल एडगर यबानेज शामिल थे। भारतीय नौसेना के कर्मियों ने मनीला स्थित फ्रेंडशिप होम फादर लुइस अमीगो अनाथालय का भी दौरा किया और बच्चों के साथ समय बिताकर करुणा और सद्भावना के बंधन में मजबूती लाने का प्रयास किया।
इसके अलावा आईएनएस शक्ति पर डेक रिसेप्शन का आयोजन किया गया जिसमें फिलीपींस में भारत के राजदूत हर्ष कुमार जैन और फिलीपींस नौसेना एवं सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। इन मुलाकातों ने जहां समुद्री सुरक्षा को लेकर जागरूकता को बढ़ावा दिया। वहीं, भारतीय नौसेना की व्यावसायिकता और तकनीकी क्षमता को उजागर किया। साथ ही भारत-फिलीपींस संबंधों के बीच गर्मजोशी और पारस्परिक सद्भाव की भावना में इजाफा किया।
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