
नई दिल्ली, 27 फरवरी। आधुनिक भारत का पहला सिला हुआ जहाज बुधवार को नौसेना के रियर एडमिरल कुन्नीसरी मल्लाथ रामकृष्णन ने गोवा में लॉन्च किया। अब से पहले सिलाई वाले जहाजों की निर्माण तकनीक का इस्तेमाल कर्नाटक में मछली पकड़ने वाली छोटी डोंगियों और केरल में रेसिंग बोट बनाने तक ही सीमित था।
यह सिला हुआ जहाज लकड़ी, कॉयर और प्राकृतिक राल का उपयोग करके बनाया गया एक अनूठा जहाज है। जहाज का निर्माण दिवार द्वीप में होदी इनोवेशन में किया गया जिसके लॉन्चिंग समारोह में समय पारंपरिक कारीगरों के साथ भारतीय नौसेना और शिपयार्ड में कार्यरत कार्मिक भी मौजूद रहे। यह लॉन्च भारत की जहाज निर्माण विरासत का एक वसीयतनामा है।
दिसंबर 2025 में समुद्री यात्रा प्रस्तावित
यह जहाज भारत के 5000 साल पुराने समुद्री इतिहास में शामिल पारंपरिक जहाजों में से एक का नमूना है। इसके माध्यम से गोवा भारत के प्राचीन समुद्री व्यापार मार्ग और विरासत को पुनः खोजने के प्रयास को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस जहाज की पहली समुद्री यात्रा दिसंबर 2025 में गुजरात के मांडवी से ओमान के मस्कट तक आयोजित करने की योजना है।
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