उत्तर प्रदेश : किसानों के हित में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिया बड़ा फैसला, 100 कुंतल से ऊपर गेहूं विक्रय पर किसानों को सत्यापन से छूट, गेहूं बेचने में नहीं होगी बाधा
अन्नदाता किसानों के हित में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा फैसला लिया...

Lucknow News : अन्नदाता किसानों के हित में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा फैसला लिया है। सीएम के निर्देश पर एक तरफ अन्नदाता किसानों के हित में एक और कदम बढ़ाते हुए खाद्य व रसद विभाग ने सत्यापन प्रक्रिया को सरल बना दिया है तो वहीं दूसरी तरफ 100 कुंतल से ऊपर गेहूं विक्रय पर किसानों को सत्यापन से छूट दे दी गई है। किसान अनुमानित उत्पादन के 3 गुने तक बिक्री कर सकेंगे, जिससे कि अभिलेखों में त्रुटि इत्यादि से गेहूं बेचने में उन्हें परेशानी न हो।
पंजीकृत किसान बिन सत्यापन बेच सकते हैं 100 कुंतल गेहूं
योगी सरकार ने व्यवस्था की है कि पंजीकृत किसान सत्यापन के बिना भी 100 कुंतल तक गेहूं बेच सकते हैं। सत्यापन के बाद कुल उत्पादकता के आधार पर अगेंस्ट उत्पादन क्षमता के तीन गुना तक गेहूं बेचने की सुविधा है, जिससे सत्यापन अथवा अभिलेखों में त्रुटि के कारण किसान को उत्पादित गेहूं बेचने में असुविधा न हो। गेहूं की बिक्री के लिए किसान खाद्य व रसद विभाग के पोर्टल fcs.up.gov.in या विभाग के मोबाइल ऐप UP KISHAN MITRA पर पंजीकरण-नवीनीकरण करा लें।
शनिवार को गेहूं खरीद की स्थिति (दोपहर 3.10 बजे तक)
पंजीकृत किसान- 3,77,678
गेहूं बिक्री करने वाले किसान-39006
गेहूं की सरकारी खरीद- 2.06385 लाख मीट्रिक टन
गेहूं क्रय केंद्रों की संख्या- 5804
अन्नदाता किसानों के हित में खाद्य विभाग ने सत्यापन प्रक्रिया को बनाया सरल
1.मोबाइल क्रय केंद्र के माध्यम से किसानों के घर-घर पहुंच रहा विभाग
2.बिचौलिया राज समाप्त, किसानों को 2425 रुपये एमएसपी और 20 रुपये प्रति कुंतल उतराई, छनाई व सफाई के लिए अतिरिक्त दिए जा रहे
3.किसानों की सुविधा के लिए सुबह 8 से रात्रि 8 बजे तक क्रय केंद्रों पर की जा रही गेहूं खरीद
4.किसी भी समस्या पर टोल फ्री नंबर 18001800150 या जिला खाद्य विपणन अधिकारी या तहसील के क्षेत्रीय विपणन अधिकारी या ब्लॉक के विपणन अधिकारी से भी किया जा सकता है संपर्क
5.एक तरफ़ कटाई चल रही है तो दूसरी तरफ मौके पर ही तौला जा रहा गेहूं
6.किसानों की सुविधा के लिए अवकाश के दिनों में भी संचालित हो रहे क्रय केंद्र
7.बिचौलिया मुक्त खरीद कर सीधे किसानों के खाते में किया जा रहा भुगतान
8.बिन सत्यापन सिर्फ पंजीकरण के आधार पर ही 100 कुंतल तक की जा रही खरीद
5.क्रय केंद्र पर किसानों का तत्काल कराया जा रहा पंजीकरण, बटाईदार किसानों से भी की जा रही खरीद