
नई दिल्ली, 24 सितम्बर : हार्ट की समस्याओं से पीड़ित मरीजों के लिए एक ऐसा वाल्व विकसित किया गया है जो टिश्यू से नहीं पॉलीमर से बनाया गया है। यह वाल्व ना सिर्फ टिश्यू वाल्व की तुलना में अधिक टिकाऊ है। बल्कि आजीवन दवाएं लेने की मजबूरी से भी आजादी देता है।
फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट के एडल्ट कार्डियक सर्जरी, हार्ट ट्रांसप्लांटेशन विभाग के चेयरमैन एंड हैड डॉ जेड एस महरवाल ने बुधवार को एक प्रेसवार्ता में बताया कि हम लगभग एक वर्ष से इस अत्याधुनिक हार्ट वाल्व के इम्प्लांट सर्जरी कर रहे हैं। ये सभी सर्जरी सफल रहने के साथ फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट देश के उन गिने-चुने अस्पतालों में शामिल हो गया है जहां टीआरआईए मिट्रल वाल्व इंप्लांट करने की सुविधा उपलब्ध है।
डॉ जेड एस महरवाल ने कहा, यह मिट्रल वाल्व बहुत से युवा मरीजों और महिलाओं के लिए, उम्मीद की किरण है जो उन्हें आजीवन ब्लड थिनर्स या बार-बार सर्जरी की चुनौतियों से बचाकर सेहतमंद जीवन जीने का अवसर देता है। इससे पहले तक, वाल्व रिप्लेसमेंट करवाने वाले मरीजों को टिश्यू वाल्व या मैकेनिकल वाल्व में से एक का चयन करना पड़ता था। टिश्यू वाल्व, अक्सर जल्दी खराब हो जाता है जिसकी वजह से युवा मरीजों को रिपीट सर्जरी करवानी पड़ती है। मैकेनिकल वाल्व, लंबी अवधि तक चलता है, लेकिन आजीवन ब्लड-थिनिंग दवाओं की आवश्यकता होती है, कुछ लाइफस्टाइल प्रतिबंध भी होते हैं और दिल की हर धड़कन के साथ ‘क्लिकिंग’ साउंड पैदा होती है।
पॉलीमर निर्मित हार्ट वाल्व की विशेषता
टीआरआईए मिट्रल वाल्व एक मैटल फ्री और एनीमल फ्री इम्प्लांट है जो एनीमल टिश्यू से जुड़े सरोकारों से मुक्ति दिलाता है। यह टिश्यू वाल्वों की तुलना में अधिक लंबे समय तक चलता है। आजीवन ब्लड थिनर लेने की मजबूरी से मुक्ति दिलाता है। साथ ही रिप्रोडक्टिव आयु वर्ग की महिलाओं तथा युवा मरीजों के लिए भी सुरक्षित है। इसका निर्माण रोबोटिक प्रक्रिया से किया गया है जो इसकी सटीकता, निरंतरता और सुरक्षा सुनिश्चित करता है। इसे अमेरिकन कंपनी द्वारा विकसित किया गया है जिसका निर्माण स्थानीय तौर पर भारत में डॉल्फिन लाइफ साइंस करता है।
वाल्व इंप्लांट के एक वर्ष बाद सामने आए नतीजों का ब्यौरा
* हृदय से प्रवाहित होने वाले रक्त में 50%से अधिक सुधार
* 0%वाल्व संबंधी मृत्यु या रिपीट सर्जरी
* छह मिनट के वॉक टेस्ट में वॉकिंग दूरी तय करने में 42% वृद्धि
* मरीजों की दैनिक गतिविधियों और जीवन गुणवत्ता में सुधार
क्या होता है जब हार्ट वाल्व हो जाता है खराब ?
हार्ट में चार वाल्व होते हैं जो रक्त को सही दिशा में भेजने के लिए खुलते और बंद होते हैं। जब वाल्व ठीक से काम नहीं करते हैं, तो रक्त ठीक से प्रवाहित नहीं हो पाता। ऐसे में, खराब वाल्व के चलते हार्ट को शरीर में रक्त पंप करने के लिए अधिक अधिक मेहनत करनी पड़ती है। जिससे सांस फूलना, थकान होना, सीने में दर्द होना, पैरों में सूजन आना और अनियमित दिल की धड़कन जैसे लक्षण पैदा होने लगते हैं। अगर वाल्व रोग का इलाज न किया जाए तो यह धीरे-धीरे हृदय की मांसपेशियों को कमजोर कर सकता है, जिससे हृदय गति रुकना, रक्त के थक्के बनना, स्ट्रोक या अचानक मृत्यु हो सकती है। इसके उपचार में दवाओं से लेकर वाल्व की मरम्मत या प्रतिस्थापन की सर्जरी तक शामिल हैं।